देश में नए वित्त वर्ष के पहले कारोबारी महीने अप्रैल से ही सरकार देशव्यापी मुहिम के तहत जीएसटी चोरों पर सख्ती बढ़ाने के मूड में है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक अब सरकार हर महीने कमाई के लिहाज से 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर का लक्ष्य रखेगी। पिछले कई महीनों के दौरान जीएसटी में अपनाई जा रही तकनीक के जरिए सरकार को उम्मीद है कि यह लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता है। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक जीएसटी अधिकारियों ने सर्विलांस स्ट्रख्र में इजाफा किया है और उसे मजबूत किया है जिसका नतीजा रहा है कि पिछले कुछ महीनों में बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरों की गिरफ्तारियां हुई हैं। इस एक्शन से मिले इनपुट के बाद सर्विलांस को वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों से और तेज किया जाएगा जिसके चलते उम्मीद है कि 1 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह का लक्ष्य हर हाल में हासिल हो ही जाएगा। टैक्स चोरी रोकने के नए हथियारों के तौर पर जीएसटी विभाग ने आयकर, सीमा शुल्क आईटी प्रणाली समेत बैंकिंग लेन देन से जुड़े मोर्चों से आने वाले आंकड़ों के जरिए सख्त निगरानी रख रही है। सरकार की मंशा है कि ईमानदार कारोबारियों को प्रोत्साहित किया जाए और चोरों पर सख्ती बरती जाए। 1 अप्रैल से बिजनेस टु बिजनेस मैचिंग शुरू हो गई है। साथ ही 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस निकालना जरूरी कर दिया गया है। इन व्यवस्थाओं के चलते सरकार के पास सामान की कीमत और उस पर लगने वाले टैक्स को ट्रैक करना आसान हो जाया करेगा और टैक्स की चोरी पर लगाम लगाना आसान होगा।