पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता गुवाहाटी : राज्य में 1.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेने वाले भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने इस बार राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) बढ़ा दिया है। वित्त विभाग के आयुक्त सचिव ने 4 जून में एक निर्देश जारी करके पेट्रोल पर वैट 1.50 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया है जो बुधवार से प्रभावी होगा। इसी निर्देश में डीजल पर भी वैट 1.31 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया गया। राज्य सरकार ने एक साल से भी कम समय में दूसरी बार पेट्रोल और डीजल पर प्रत्यक्ष कर वैट बढ़ा दिया है। इससे पहले सरकार ने पिछले साल 13 जुलाई को पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाया था। स्वाभाविक रूप से, भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने, जिसने चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद ईंधन उत्पादों पर कर बढ़ा दिया है, कहा जाता है कि उसने चुनाव के दौरान खर्च किए गए धन को कवर करने के लिए यह निर्णय लिया है। गौरतलब है कि न सिर्फ पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाया गया बल्कि इससे पहले टोल गेट फीस और दूध के दाम भी बढ़ाए गए थे। यहां तक कि चुनावी चंदे के कारण हाल ही में दवाओं, दैनिक आवश्यकताओं और निर्माण सामग्री की कीमतें भी बढ़ गई हैं। हालाँकि, सरकार ने मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए कोई वास्तविक कदम नहीं उठाया है। राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए हर महीने हजारों करोड़ रुपए कर्ज लेने को मजबूर भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने फिर से अरुणोदय योजना जैसी लाभार्थीपरक योजनाओं और बेरोजगार युवाओं को एक-एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता की घोषणा की है।