पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता गुवाहाटी : देश के कई राज्यों में चल रहे भीषण गर्मी का प्रकोप अब असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में शुरू होती दिख रही है। पिछले तीन-चार दिनों से असम में अचानक बढ़ी गर्मी से कई लोगों को उत्तर भारत की तरह लू चलने का डर सताने लगा है। राज्य में रोजाना तापमान बढ़ रहा है, जिससे जन जीवन में एक तरह का ठहराव आ गया है। मई के महीने में ही लोगों को जून और जुलाई जैसी गर्मी का अहसास हो रहा है। बोरझार के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार को कहा कि मई  महीने में असम के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 29 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहना चाहिए। हालांकि, पिछले तीन-चार दिनों से राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश न होने के कारण तापमान असामान्य रूप से बढ़ गया है। चिंता की बात यह है कि अधिकांश इलाकों में तापमान सामान्य से ऊपर 4 से 7 डिग्री सेल्सियस अधिक है। परिणामस्वरूप सामान्य जीवन बाधित हो गया है। कई लोग तो इस बात से भी चिंतित हैं कि जून, जुलाई और अगस्त जैसे सबसे गर्म महीनों में क्या हो सकता है। बुधवार को गुवाहाटी शहर में राज्य का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। गुवाहाटी में दोपहर में तापमान बढ़कर 37.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस अधिक था। इसी तरह बुधवार को धुबड़ी में अधिकतम तापमान 36.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 7 डिग्री सेल्सियस अधिक था। इसी तरह बुधवार को डिब्रूगढ़ में 36.2 डिग्री सेल्सियस, तेजपुर में 38.1 डिग्री सेल्सियस, जोरहाट में 36.0 डिग्री सेल्सियस और उत्तरी लखीमपुर में 37.6 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। कुछ स्थानों पर रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 4 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। लोग रात में भी गर्मी से जूझने को मजबूर हो रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार असम की हवा में जलवाष्प की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए जब तापमान 36 डिग्री सेल्सियस होता है तब उत्तर भारत के राज्यों की तरह यह 45-47 डिग्री सेल्सियस महसूस होता है। ऐसे में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। गौरतलब है कि प्रकृति की तबाही से इस साल असम और पूर्वोत्तर में हालात पिछले साल से भी ज्यादा खराब हैं। न केवल गुवाहाटी या असम, बल्कि पूर्वोत्तर के स्कॉटलैंड के रूप में प्रसिद्ध सबसे ठंडी जगह शिलांग में भी गर्मी की लहर बढ़ रही है। कुछ पर्यावरणविदों के अनुसार भारतीय मौसम विभाग ने हाल ही में इस संबंध में कई रिपोर्ट प्रकाशित की हैं जहां ऐसी स्थिति के लिए ग्लोबल वार्मिंग को जिम्मेदार ठहराया गया है। ऐसी हालत में आने वाले दिनों में कभी-कभी भारी बारिश हो सकती है तो कभी-कभी यह सूखा होगा, कभी तूफान आकर भयंकर स्थिति उत्पन्न कर सकता है। इसी तरह गर्मी बढ़ सकती है या सर्दी कम हो सकती है, जबकि क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि 16 या 17 मई के बाद असम के कुछ हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। हालांकि, बारिश होने पर तापमान में थोड़ी गिरावट आएगी। इसका मतलब यह है कि लोगों के पास बारिश आने तक गर्मी से निपटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।