ड्राई आइस  ठोस रूप से कार्बन डाइऑक्साइड  होती है और इसको ड्राई आइस इसीलिए कहा जाता है क्योंकि जब यह गैस ठोस होती हैं तो बर्फ की तरह दिखाई देती हैं। शुष्क बर्फ या ड्राई आइस को पहली बार 1835 में फ्रांसीसी आविष्कारक एड्रियन-जीन-पियर थिलोरियर ने अनुसरण किया था। सोडा पानी बनाने के लिए यह सामान्यतः पानी में जोड़ा जाने वाला गैस है। यह गैस अक्सर औद्योगिक प्रक्रियाओं में और सूखी बर्फ बनाने के लिए पुनर्नवीनीकरण के दौरान इस्तेमाल की जाती है। ड्राई आइस विशेष रूप से ठंड के लिए उपयोगी है, और ठंडे तापमान के कारण चीजों को जमे हुए रखती है। ड्राई आइस का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है क्योंकि यह जल्दी शुष्क हो जाती है और विद्युत-रोधित दस्ताने का उपयोग भी करने में सहुलियत होती है। ड्राई आइस सामान्य वातावरणीय स्थितियों में गिले तरल पदार्थ में बिना बदले ही ठोस से गैस में सीधे बदल जाती है। इस प्रक्रिया को ऊर्ध्वपातककहते हैं। क्या आप जानतें है कि फ्रीजर में ड्राई आइस को स्टोर नहीं किया जाता है क्योंकि इसको रखने से फ्रीजर का थर्मोस्टैट अत्यधिक ठंडा होने के कारण फ्रीजर को बंद करदेगा और इससे फ्रीजर टूट भी सकता है।

ड्राई आइस का उपयोग कहा-कहा होता है? गैर चक्रीय प्रशीतन का उपयोग करके, ड्राई आइस खाद्य पदार्थों को संरक्षित करता है।  यह अक्सर वस्तुओं को पैक करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है क्योंकि  इन वस्तुओं को यांत्रिक कूलिंग के उपयोग के बिना ठंडा या जमे हुए रहना चाहिए। अनाज और अनाज उत्पादों के बंद कंटेनर में कीट गतिविधि को रोकने के लिए ड्राई आइस का इस्तेमाल किया जा सकता हैै।  इसका उपयोग सिनेमाघरों में कोहरे की मशीनों में, प्रेतवाधित घर के आकर्षणऔर नाटकीय प्रभावों के लिए नाइटक्लब में किया जाता है। कार्बन डाइऑक्साइड के आकर्षण के कारण ड्राई आइस का उपयोग मच्छरों, बेडबग और अन्य कीड़ों को मारने के लिए भी किया जा सकता है।  ड्राई-आइस ब्लास्टिंग जो कि कार्बन डाइऑक्साइड क्लीनिंग का ही एक रूप है,  कई औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है। यह तरल पदार्थ को काटने में भी उपयोगी है। ड्राई आइस बम एक गुब्बारे जैसा उपकरण है, जिसका उपयोग कंटेनर को सील करने के लिए भी होता है।

ड्राई आइस को इस्तेमाल करते वक्त क्या सुरक्षा लेनी चाहिए? ड्राई आइस के लंबे समय तक इस्तेमाल करने में फ्रॉस्टबाईट और त्वचा को नुकसान भी हो सकता है। यहां तक की कोहरे के उत्पादन में भी सुरक्षा बरतनी चाहिए क्योंकि यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस की बड़ी मात्रा में उत्सर्जन करता है, जो हाइपरकैप्निया का खतरा पैदा कर सकता है।