गुवाहाटी : राज्य के आर्थिक क्षेत्र में पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग के संभावित पहलुओं की समीक्षा के लिए गुरुवार को जनता भवन स्थित मुख्यमंत्री के सम्मेलन कक्ष में एक बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग की विभिन्न गतिविधियों और विभाग के तहत चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने विभाग को राज्य के 421 पशु चिकित्सालयों और 767 उप-केंद्रों में पशु चिकित्सकों और क्षेत्र सहायकों और अन्य कर्मचारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने और गौपालकों को आवश्यक दवाओं और चिकित्सा सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि राज्य में 19 नैदानिक प्रयोगशालाएं, 61 प्रदर्शन फार्म, 17 जमे हुए शुक्राणु बैंक और 10 प्रशिक्षण केंद्र हैं।
मुख्यमंत्री ने विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया कि गौपालकों को इन सुविधाओं का लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरह इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए उचित कदम उठाने पर जोर दिया ताकि लोगों को पशु चिकित्सालयों के माध्यम से पशु चिकित्सा उपचार तक आसानी से पहुंच मिल सके। उन्होंने अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे डॉक्टरों को जल्द से जल्द अपने कार्यस्थल पर लौटने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदर्श आंगनवाड़ी केंद्रों की तरह विभाग के उप-केंद्र स्थापित करने के लिए जिला आयुक्त के माध्यम से 25-25 लाख रुपए खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पशु चिकित्सालय में दो डॉक्टर होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि जरूरत पडऩे पर विभाग में नये डॉक्टरों की नियुक्ति की जायेगी। उन्होंने विभाग की खरीद प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने पर जोर दिया और विभाग को इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरह तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया। बैठक में पशुपालन एवं पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा, पोल्ट्री एवं पशुधन निगम के अध्यक्ष मनोज सैकिया, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समीर कुमार सिन्हा, पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव मनीष ठाकुर, निदेशक राहुल सुरेश और अन्य शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।