5 जून को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। तमाम आयोजन होते हैं और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है। लेकिन आज हम आपको ऐसे पर्यावरण प्रेमी की दास्तान बताने जा रहे हैं जिनका पर्यावरण के संरक्षण के लिए प्रयास सबसे अनोखा है। वाराणसी के सुदमापुर के रहने वाले हरेंद्र उपाध्याय ने कांकिट के जंगलों के बीच अपने घर को वन बना दिया है। अपने छोटे से घर में हरेंद्र ने करीब 400 पौधे लगाए हैं। घर के बाहरी हिस्से के अलावा छत, बालकनी और कॉरिडोर पूरी तरह से हरियाली से भरी है। खास बात ये भी है कि उन्होंने घर के तीन हिस्से में पौधों को लगाया हुआ है जिसे उन्होंने तीन वन का नाम दिया है। अलग-अलग वन में अलग-अलग तरह से पौधे लगाए हैं और हर दिन वो इनकी सेवा करते हैं। हरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि वो सुबह और शाम करीब तीन घंटे का वक्त इन पेड़ों की देख-रेख में बिताते हैं। इस दौरान पौधों को पानी देने के साथ हो वो इनकी छटाई और दूसरे काम भी करते हैं। शुरुआती दौर में उन्होंने इन पौधों की देखरेख के लिए माली रखा था। लेकिन जब उसका काम उन्हें पसंद नहीं आया तो उन्होंने इसकी देख-रेख की जिम्मेदारी खुद ही सम्भाल ली। घर में बनाया ये तीन वन : हरेंद्र उपाध्याय ने अपने घर में आनंद,चैत्र और सदाबहार इन तीन नामों से वन बना रखा है। हरेंद्र ने बताया कि उनके घर में नीम, पीपल, बरगद, अशोक, नौ ग्रह और औषधीय पौधों के अलावा तमाम फूलों के पौधे हैं। पेशे से ज्योतिषी हरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि पेड़ पौधे भी प्रकृृति का अभिन्न अंग हैं और बिना इनके जीवों का अस्तित्व नहीं है। वेद,पुराणों और उपनिषदों में भी इस बात का जिक्र है उसी से प्रेरित होकर मैंने घर को नया रूप दिया है।
वाराणसी के इस पर्यावरण प्रेमी की अनोखी पहल, घर को बनाया वन
