देश के 21 राज्य कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से प्रभावित हो चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक 578 से ज्यादा लोग ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुके हैं। धीरे-धीरे इसकी संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। सबसे ज्यादा दिल्ली एवं महाराष्ट्र में अब तक 142-142 लोग इस नए वैरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं। पूर्वोत्तर के मणिपुर में कोरोना ओमिक्रोन स्वरूप से संक्रमण का पहला मामला सामने आया है। संक्रमित व्यक्ति इंफाल वेस्ट जिले का निवासी है, जो हाल ही में तंजानिया से दिल्ली होते हुए वापस आया है। भारत लौटने के आठवें दिन इस व्यक्ति की जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वर्तमान मरीज को जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा विज्ञान संस्थान में कंटेनमेंट में रखा गया है। ओमिक्रोन से संक्रमित मरीज के तीन अन्य परिजनों की जांच में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। मणिपुर में कोरोना वायरस संक्रमण के 17 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि असम में अभी तक ओमिक्रोन से संक्रमित व्यक्ति की पुष्टि नहीं हुई है, किंतु राज्य सरकार अभी से सतर्कता बरतना शुरू कर दी है। असम सरकार ने 26 दिसंबर से ही राज्य में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया है, जो रात के 11.30 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रभावी रहेगी। दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं अन्य औद्योगिक इकइयां रात 10.30 बजे तक खुली रहेगी। मास्क नहीं लगाने वालों को 1000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। सभा के लिए भी क्षमता से 50 प्रतिशत से कम की संख्या रखने का निर्देश दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर एक्शन में हैं। वे राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे आगामी 31 जनवरी तक नए दिशा-निर्देश का कड़ाई से पालन करें। इसके लिए कंटेनमेंट जोन बनाने, नाइट कर्फ्यू लागू करने तथा जागरूकता फैलाना शामिल है। प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि 3 जनवरी से 15 से 18 से बीच के युवकों को कोरोना वैक्सीन देने का काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा 60 वर्ष की उम्र से ज्यादा के बीमार लोगों तथा हेल्थ वर्करों को 10 जनवरी से कोरोना की बूस्टर डोज दी जाएगी। अभी तक देश में 61.1 प्रतिशत लोगों को कोरोना की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। इस काम को शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। कोरोना से संबंधित मरीजों के लिए देश भर में लगभग साढ़े तीन लाख बेड उपलब्ध हैं, जबकि कोरोना से संबंधित आईसीयू बेडों की संख्या 1,42,000 है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर जिले में वार रूम बनाया जा रहा है, ताकि कोरोना पर नजदीकी से नजर रखा जा सके। 90 हजार से ज्यादा बेड बच्चों के लिए सुरक्षित की गई है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश में बड़ी संख्या में लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई थी। पिछले घटनाओं से सबक लेते हुए देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाई गई है। अभी देश में तीन हजार ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं जिससे मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। ओमिक्रोन के तेजी से प्रसार के बावजूद लोग उससे सबक नहीं ले रहे हैं। अभी भी बाजारों एवं भीड़-भाड़ वाले जगहों पर 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। असम भी इससे अछूता नहीं है। मास्क पहनने के लिए प्रशासन की कड़ाई के बावजूद लोग सार्वजनिक स्थलों, सार्वजनिक वाहनों तथा अन्य जगहों पर बिना मास्क के सफर कर रहे हैं। प्रशासन केवल दिशा-निर्देश जारी कर अपने कर्तव्यों की पूर्ति कर रहा है। गुवाहाटी में सार्वजनिक परिवहनों में लोग बिना मास्क के यात्रा कर रहे हैं। कोई उनको पूछने वाला नहीं है। अगर ओमिक्रोन से बचना है तो सबको जागरूक होना पड़ेगा। केवल सरकार के ऊपर मामले को छोड़ देने से काम नहीं चलेगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है।