नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स नाइट फ्रैंक इंडिया ने अपनी ‘2022 आउटलुक रिपोर्ट’ पेश की है। महामारी के कारण अगर 2021 ज्यादातर अस्थिर रहा तो 2022 इस क्षेत्र के लिए ज्यादा स्थिर साबित हो सकता है और यह व्यावसायिक तथा आवासीय दोनों क्षेत्रों के लिए सही है। आवासीय क्षेत्र के लिए फिर से नई मांग शुरू होने की उम्मीद है। सरकारी प्रोत्साहन से डेवलपर्स तेजी या उछाल को बनाए रखेंगे। महामारी के दौरान वेयरहाउसिंग का वर्ग जोखिम के प्रतिकूल रहा है, वह विकास की गति कायम रखेगा और ई-कामर्स तथा 3पीएल प्लेयर्स की मांग से संचालित होगा। इस रिपोर्ट के प्रमुख नतीजे 2022 पर रोशनी डालते हैं और इससे भारत के भिन्न भू-संपदा वर्गों की प्रवृत्तियों और गतिशीलता का पता चलता है। आवासीय वर्ग में 2022 के दौरान लगभग 5 फीसदी पूंजीगत मूल्य वृद्धि देखने को मिलेगी। पिछले दशक के दौरान आपूर्ति और मांग-पक्ष कारकों के मूल्यांकन ने घर की कीमतों पर दबाव डालना शुरू कर दिया है। आवासीय बिक्री गति 2022 में जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि बड़े घरों, बेहतर सुविधाओं और आकर्षक मूल्य निर्धारण के लिए संभावित खरीदारों की प्राथमिकताएं उन्हें सौदे पूरे करने का इच्छुक बनाए रखेंगी। गुजरे 18 महीनों में मजबूत नियुक्ति के आधार पर ऑफिस की जगह के लिए टॉप 5 आईटी कंपनियों की कुल मांग 11.67 मिलियन वर्ग फुट आंकी गई है, जो अगले एक से दो साल में फैली हुई है। एक साथ मिलकर काम करने के क्षेत्र को फायदा होगा क्योंकि महामारी पहले के मुकाबले ज्यादा दक्षता की जरूरत को मजबूत करती है। को-वर्किंग क्षेत्र के एक कीवर्ड, एजिलिटी फिर से लचीले वर्कप्लेस की मांग में वृद्धि करेगी। ऑफिस क्षेत्र के पहले जैसे होने और गुणवत्ता में तेजी आने से 2022 में किराए स्थिर रहने और फिर बढ़ने की उम्मीद है। ई-कॉमर्स क्षेत्र में तेजी और वेयरहाउसिंग वर्ग के लिए लेन-देन बढ़ने का अनुमान है और यह 31.7 मिलियन वर्ग फुट से 20 फीसदी की सीएजीआर पर बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 45.9 मिलियन वर्ग फुट हो जाएगा। इस अवधि के कुल लेन-देन में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी 31 फीसदी से बढ़कर 36 फीसदी होने का अनुमान है। भारतीय डाटा सेंटर बाजार में इस समय अनुमानित 445 मेगावाट की महत्वपूर्ण आईटी क्षमता है। 2022 में इसमें लगभग 290 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता जुड़ने के बाद अगले वर्ष के अंत तक कुल गणना 735 मेगावाट तक बढ़ जाएगी। भारत की वर्तमान 445 मेगावाट डाटा सेंटर क्षमता में से लगभग 193 मेगावाट मुंबई में है। मुंबई की कुल क्षमता 1,006 मेगावाट अनुमानित है। इसमें 258 मेगावाट निर्माणाधीन और 555 मेगावाट योजना के विभिन्न चरणों में है। महामारी के दौरान भारतीय आरईआईटी का लचीलापन और खुदरा निवेशकों के साथ बढ़ती लोकप्रियता अन्य वाणिज्यिक रियल एस्टेट आरईआईटी के लिए मार्ग प्रशस्त करने में मदद करेगी। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र ने 2021 में स्मार्ट रीकवरी दर्ज की है और आवासीय वर्ग का प्रदर्शन दूसरों के मुकाबले ज्यादा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि अगली दो-तीन तिमाहियों में बाजार अपनी पुरानी स्थिति में पहुंच जाएगा। अगर हम इस रफ्तार को जारी रख पाए तो यह क्षेत्र पर्याप्त रीकवरी देखेगा।