नई दिल्लीः भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के रूप में अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद कृृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने शिक्षा जगत में वापस लौटने का फैसला किया है। वह आज यानी 7 दिसंबर को पद छोड़ देंगे। ऐसे में सरकार इस पद पर नियुक्ति के लिए किसी महिला के नाम को प्राथमिकता दे सकती है। सरकार में तीन महिलाओं के नामों पर मंथन चल रहा है। इनमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की प्रो. डॉ. पमी दुआ और नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की महानिदेशक पूनम गुप्ता के नाम सामने आए हैं। खास बात ए है कि अगर कोई महिला सीईए बनती हैं तो फिर देश में यह पहली बार होगा, जब वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार दोनों महिलाएं होंगी। गीता गोपीनाथ भारतीय मूल की अमरीकी अर्थशास्त्री हैं। इस समय वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी इंटरनेशनल मोनेटरी फंड की चीफ इकोनॉमिस्ट हैं। डॉ. पमी दुआ को साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने चार वर्ष के लिए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का सदस्य नियुक्त किया था। वह इस समिति में पहली महिला सदस्य थीं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है। भारत की लीड इकोनॉमिस्ट पूनम गुप्ता मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद की रेस में शामिल हैं। वह नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में आरबीआई की चेयर प्रोफेसर थीं। उन्हें हाल ही में प्रधानमंत्री की पुनर्गठित आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया है।