नई दिल्लीः भारत और अमरीका ने ई-कॉमर्स कंपनियों की आपूर्ति पर एक अप्रैल 2022 से डिजिटल कर लगाने को लेकर संक्रमणकालीन रवैए पर सहमति जताई है। गत आठ अक्तूबर को भारत समेत 136 देशों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर उनके परिचालन वाले देशों में कर देने संबंधी प्रारूप पर सहमति जताई थी। इसे अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली में एक बड़े सुधार के तौर पर देखा जा रहा है। अमरीका की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये सुधार एक ऐसा कर ढांचा प्रदान करेंगे जो 21वीं सदी की वैश्विक अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहतर, अधिक स्थिर और बेहतर ढंग से सुसज्जित हो। वहीं इस समझौते के मुताबिक कोई भी देश किसी भी तरह का डिजिटल कर नहीं लगा पाएगा और भविष्य में ऐसा न हो इस पर भी प्रतिबद्धता जतानी होगी। यूएसटीआर ने कहा कि यूएस ट्रेजरी और भारत के वित्त मंत्रालय के बीच समझौता ऑस्टि्रया, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्पेन और तुर्की के साथ समान शर्तों पर लागू होता है। यह समझौता 136 देशों द्वारा सैद्धांतिक रूप से एक व्यापक वैश्विक कर सौदे के हिस्से के रूप में अपने डिजिटल सेवा करों को वापस लेने के लिए अक्तूबर के समझौते का पालन करता है। वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच सौदा सभी सात देशों को एक रूप से व्यवस्था में लाता है और हाल ही में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई भारत दौरे पर आई थीं यहां उनसे कृषि और अन्य वस्तुओं पर व्यापार सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई थी।