पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता गुवाहाटी : मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। असम सरकार नामरूप उर्वरक संयंत्र के पुनरुद्धार के लिए 4,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। उर्वरक कारखाने के पुनरुद्धार के लिए सरकार ने 10,601 करोड़ रुपए का डीपीआर तैयार किया है। इसका 60 प्रतिशत स्वामित्व भारत सरकार के पास होगा और 40 प्रतिशत स्वामित्व राज्य सरकार के हाथ में होगा। उर्वरक कारखाना वर्तमान में 180,000 मैट्रिक टन यूरिया का उत्पादन कर रहा है। चौथी इकाई चालू होने पर 12 लाख मैट्रिक टन यूरिया और अमोनिया का उत्पादन होगा। उल्लेखनीय है कि डिब्रूगढ़ के नामरूप में एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड गैस आधारित यूरिया के उत्पादन में लगा हुआ है। बदलते समय के साथ मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए इसकी गतिविधियों और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है। कैबिनेट ने ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की      गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए नामरूप-4 यूनिट के निर्माण के लिए एक संयुक्त उद्यम में 21,272 करोड़ रुपए के 40 प्रतिशत इक्विटी निवेश को मंजूरी दी। कैबिनेट ने सोनोवाल कछारी स्वायत्त परिषद के तहत कुछ अधिसूचित गांवों में सोनवाल भाग को शामिल करने के लिए अधिसूचित गांवों की सूची में संशोधन को भी मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने उत्तरी गुवाहाटी के रंगमहल में अत्याधुनिक न्यायिक टाउनशिप के निर्माण की सुविधा के लिए पट्टा भूमि के अधिग्रहण के लिए गैर-प्रशासनिक मंजूरी के रूप में वित्तीय मंजूरी को भी मंजूरी दे दी। टाउनशिप व्यापक न्यायिक बुनियादी ढांचे, आवास, आवश्यक सुविधाएं, सुरक्षा आदि सुनिश्चित करेगी।  कैबिनेट ने शैक्षणिक, धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थानों द्वारा मिशन वसुंधरा 3.01 के तहत भूमि आवंटन या निपटान के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र, अनुबंध आदि जैसे साक्ष्य प्रस्तुत करने की अनिवार्यता के बिना आवेदन जमा करने को भी मंजूरी दे दी। हालांकि, ऐसे गैर-निजी न्यायिक संस्थानों को आवेदित भूमि के आवंटन या निपटान का प्रस्ताव प्राप्त करने से पहले गैर-निजी न्यायिक संस्थानों के रूप में पंजीकरण का प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक है। कैबिनेट ने राज्य के 6 जिलों में ग्रामीण परिवहन में सुधार के लिए नाबार्ड के आरआईडीएफ-एक्सएक्सडीएच के तहत 81 करोड़ रुपए की लागत से 14 ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के निर्माण को भी मंजूरी दी। कैबिनेट ने भारत सरकार के लेखांकन मानक -41 के अनुसार असम सरकार के एपीडीसीएल, एईजीसीएल और एपीजीसीएल के ऋण और अनुदान को इक्विटी में बदलने को भी मंजूरी दे दी। इक्विटी के रूप में परिवर्तित किए जाने वाले बकाया अनुदान-ऋण राशि का परिमाण एपीडीसीएल के 397.39 करोड़ रुपए, एईजीसीएल के 19.89 करोड़ रुपए और एपीजीसीएल के 520.38 करोड़ रुपए हैं।