अल ऐन : मुक्केबाजी का ओलंपिक में भविष्य पहले ही अधर में लटका है और अब इस खेल की एशियाई संचालन संस्था ने निलंबित अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) के पक्ष में मतदान करके उसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गुप्त मतदान के जरिए किए गए मतदान में 21 देशों ने आईबीए के साथ बने रहने के पक्ष में जबकि 14 देशों ने इस खेल के संचालन के लिए गठित की गई नई संस्था वर्ल्ड बॉक्सिंग में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया। भारत के अलावा जिन अन्य देशों ने मतदान में भाग लिया उनमें बहरीन, भूटान, ब्रुनेई, कंबोडिया, चीन, चीनी ताइपे, तिमोर लेस्ते, हांगकांग, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, जापान, जॉर्डन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, लाओस, लेबनान, मकाऊ, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, फिलीपींस, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, श्रीलंका, सीरिया, ताजिकिस्तान,थाईलैंड, तुर्कमेनिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान, वियतनाम और यमन शामिल थे। भारत ने पर्यवेक्षक के रूप में भाग लिया। आईबीए का अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के साथ विवाद चल रहा है। आईओसी ने तोक्यो और पेरिस खेलों के लिए ओलंपिक क्वालिफिकेशन प्रक्रिया की जिम्मेदारी संभाली थी। वर्ल्ड बॉक्सिंग में वर्तमान में 42 सदस्य हैं जबकि निलंबित आईबीए में 100 से अधिक संबद्ध इकाइयां हैं। जहां तक भारत का सवाल है तो भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) मई में वर्ल्ड बॉक्सिंग में शामिल होने पर सहमत हो गया था। बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह को विश्वास है कि वर्ल्ड बॉक्सिंग मान्यता प्राप्त करने के लिए 50 सदस्यों की अर्हता इस साल के आखिर तक पूरी कर लेगा।  सिंह ने रविवार को कहा कि भारत यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है कि मुक्केबाजी ओलंपिक आंदोलन का हिस्सा बनी रहे। यह स्पष्ट है कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति आईबीए को मुक्केबाजी की अंतर्राष्ट्रीय मूल संस्था के रूप में स्वीकार नहीं करेगी। भारत ने वर्ल्ड बॉक्सिंग को समर्थन देने का फैसला किया है। कल के मतदान से यह भी साबित हो गया है कि एशियाई महासंघ के 14 देश वर्ल्ड बॉक्सिंग में शामिल होना चाहते हैं। हमें पूरा विश्वास है कि मान्यता प्राप्त करने के लिए हम जल्द ही आवश्यक अर्हता हासिल कर लेंगे। एशियाई मुक्केबाजी परिसंघ (एएसबीसी) का वर्ल्ड बॉक्सिंग में शामिल होने से इनकार करने के इस फैसले के बाद लॉस एंजिल्स में 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में मुक्केबाजी को शामिल करने को लेकर परेशानियां बढ़ गई हैं। मतदान के बाद आईबीए ने वर्ल्ड बॉक्सिंग पर निशाना साधते हुए कहा कि नई संस्था के पास प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए साधन की कमी है। आईबीए ने एक बयान में कहा कि वर्ल्ड बॉक्सिंग के पास प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए किसी तरह का वित्त, विशेषज्ञता और समर्थन नहीं है। उनका मुक्केबाजी को आगे बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है।