अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्वास्थ्य कारणों से दिसंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से अपनी दावेदारी वापस ले लिया है। पिछले कुछ महीनों से उनके स्वास्थ्य को लेकर उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा प्रश्न उठाया जा रहा था। डेमोक्रेट नेताओं द्वारा आशंका व्यक्त की जा रही थी कि अगर बाइडेन चुनाव मैदान में डटे रहे तो रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदावर डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति मजबूत होती जाएगी। बाइडेन और ट्रंप द्वारा सार्वजनिक मंच से खुली बहस के बाद ट्रंप का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ रहा था। चौतरफा दवाब के बाद बाइडेन ने अपनी दावेदारी वापस लेते हुए उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस को अगले उम्मीदवार के रूप समर्थन देने की भी घोषणा कर दी। हालांकि आधिकारिक उम्मीदवार की घोषणा डेमोक्रेट पार्टी द्वारा 19 अगस्त से होने वाले सम्मेलन के दौरान की जाएगी। अभी तक कमला हैरिस के दावेदारी के मामले में पूर्व राष्ट्रपति एवं डेमोक्रेट नेता बराक ओबामा तथा नैंसी पेलोसी जैसे नेता का अभी तक समर्थन में कई बयान नहीं आया। इधर रिपब्लिकन पार्टी ने ट्रंप के नाम का ऐलान कर दिया है। ट्रंप ने उप-राष्ट्रपति के लिए भी नामांकित घोषणा की दी। अमरीकी इतिहास में तीसरी बार ऐसा हुआ है जब प्रक्रिया शुरू होने के बीच में कोई राष्ट्रपति ने अपना नाम वापस ले लिया है। ऐसी खबर है कि बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा भी डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से उम्मीदवार हो सकती हैं। लेकिन फिलहाल कमला हैरिस उम्मीदवारी के मामले में सबसे आगे चल रही हैं। अमरीकी राष्ट्रपति का चुनाव केवल अमरीका के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति चुनाव का असर पूरे दुनिया में पड़ता है। डोनाल्ड ट्रंप को इंडिया समर्थक माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके पिछले कार्यकाल के दौरान दोनों नेताओं के मधुर संबंध रहे। सार्वजनिक भाषण के दौरान ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ था। उस हमले में गोली ट्रंप के कान को छूती हुई निकल गई थी। उस घटना के बाद ट्रंप की लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई है। आज दुनिया युद्ध के मुहांने पर खड़ी है। रूस-यूक्रेन युद्ध बंद होने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि दूसरी तरफ इजरायल-हमास युद्ध लगातार भीषण होता जा रहा है। इस युद्ध में हिजबुल्लाह तथा हूती विद्रोहियों को शामिल होने से युद्ध का दायरा बढ़ रहा है। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में अमरीका के राष्ट्रपति की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। अगर डेमोक्रेट पार्टी का नेता राष्ट्रपति बनता है तो बाइडेन की वर्तमान नीति में कई ज्यादा परिवर्तन नहीं होगा। अगर ट्रंप राष्ट्रपति बनते हैं तो स्थिति कुछ बदल सकती है। ट्रंप का रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ ऐसे खराब संबंध नहीं है जैसा बाइडेन के साथ है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगर ट्रंप वापस आते हैं तो रूसी-यूक्रेन युद्ध बंद हो सकता है। ट्रंप के आने से भारत और अमरीका के संबंध भी पहले से बेहतर होंगे। पिछले कुछ वर्षों में दुनिया में अमरीकी लोकप्रियता में कमी आयी है। कई देश अमरीका के छत्रछाया से अलग होने लगे हैं। अमरीका में चल रहे गन कल्चर ने अशांति पैदा कर रखी है। कई ऐसी घटनाएं हो चुकी है जिसको देखते हुए इस पर पुनर्विचार की जरूरत है। चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमरीका के एक वर्ग का मानना है कि उनके देश को रूस से ज्यादा चीन पर फोकस करना चाहिए। जैसे-जैसे चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे राजनीतिक माहौल गरम होगा।