क्या आपने कभी सोचा है कि हनुमान जी की पत्नी भी हो सकती हैं?
हम सब उन्हें बाल ब्रह्मचारी, परम रामभक्त और अजेय वीर के रूप में जानते हैं, लेकिन तेलंगाना के खम्मम जिले के एलंदु गांव में स्थित एक मंदिर इस सोच को नई दिशा देता है।

यहां स्थित है — श्री सुवर्चला सहिता हनुमान मंदिर, देश का एकमात्र ऐसा मंदिर जहां बजरंगबली के साथ उनकी पत्नी देवी सुवर्चला की पूजा होती है।

हनुमान जी ने क्यों किया विवाह?

ये कोई प्रेमकथा नहीं थी...
न ही सत्ता या परंपरा का दबाव।

यह विवाह था ज्ञान और शिक्षा के उद्देश्य से।
हनुमान जी ने सूर्य देव से 9 दिव्य विद्याएं सीखनी चाही थीं, लेकिन शर्त थी कि उनमें से 4 विद्याएं सिर्फ विवाहित शिष्यों को दी जा सकती थीं।
ब्रह्मचारी हनुमान जी दुविधा में पड़ गए।

तब सूर्य देव ने उपाय बताया

“विवाह करो मेरी पुत्री सुवर्चला से।”

ज्ञान के लिए हनुमान जी ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया, लेकिन उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि “मैं विवाह कर लूंगा, पर ब्रह्मचर्य नहीं छोड़ूंगा।”

विवाह हुआ, पर निभाया नहीं गया!
दोनों ने विवाह के बाद अपने-अपने तप के पथ पर वापसी की। यह था एक आध्यात्मिक विवाह, न कि सांसारिक बंधन।

इस मंदिर की खासियत क्या है?

  • 2006 में बना, लेकिन मान्यता हजारों वर्षों पुरानी कथा पर आधारित है।

  • हनुमान जी के साथ उनकी पत्नी देवी सुवर्चला की संयुक्त पूजा होती है।

  • मान्यता है कि यहां पूजा करने से विवाह में आ रही अड़चनें, रोजगार की बाधाएं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

    क्तों के लिए आस्था का केंद्र

    यह मंदिर अब उन लोगों के लिए उम्मीद और समाधान का केंद्र बन चुका है जो जीवन में स्थिरता, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा चाहते हैं।

    श्री सुवर्चला सहिता हनुमान मंदिर, एलंदु गांव, खम्मम जिला, तेलंगाना

    एक ऐसा विवाह जो सिर्फ ज्ञान के लिए हुआ… और एक मंदिर जो आज भी भक्तों के जीवन में चमत्कार लाता है।