केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह असम तथा मिजोरम की तीन दिवसीय यात्रा पर पिछले शुक्रवार को असम के जोरहाट पहुंचे। अगले दिन उन्होंने देरगांव में लाचित बरफुकन पुलिस अकादमी का उद्घाटन किया। उसी दिन उन्होंने एजल में असम राइफल के कार्यक्रम में भाग लिया। मालूम हो कि असम राइफल का केंद्र एजल से 15 किलोमीटर दूर जो खाउसांग में स्थानांतरित किया गया है, शाह ने उसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उसके अगले दिन यानी रविवार को अमित शाह ने कोकराझाड़ में आयोजित अखिल बोड़ो छात्र संघ के 57वें वाॢषक अधिवेशन में हिस्सा लिया। अधिवेशन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बीटीआर में स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद सिर्फ लोकतंत्र, मानवाधिकार, आर्थिक प्रगति के प्रति एक बड़ी बाधा ही नहीं है, बल्कि विश्व शांति के खिलाफ सबसे बड़ा नासूर है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि बोड़ोलैंड में उग्रवाद और अशांति का मूल कारण कांग्रेस था। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व की सराहना करते हुए उनकी पीठ भी थपथपाई। मालूम हो कि वर्ष 2020 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में अखिल बोड़ो छात्र संघ और एनडीएफबी के बीच एक शांति समझौता हुआ था, जो बोड़ोलैंड के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। राज्य सरकार भी बोड़ोलैंड के समग्र विकास के लिए काम कर रही है। शाह ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार बोड़ोलैंड में विकास के लिए 1500 करोड़ रुपए आवंटित कर चुकी है। आब्सू की गतिविधियों की सराहना करते हुए उन्होंने इस संगठन के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे बीटीआर क्षेत्र में शिक्षा एवं विकास के क्षेत्र में अपना योगदान दें। रविवार की शाम अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की तथा तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के बारे मे विस्तार से विचार-विमर्श किया। इस बैठक में राज्यों के मुख्य सचिव तथा पांच राज्यों के राज्यपाल भी शामिल हुए थे। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के कार्यान्वयन के क्षेत्र में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मणिपुर की घटना को कड़ाई से निपट रही है। वहां आतंकी गतिविधियों, मॉबलांङ्क्षचग एवं संगठति अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में ई-साक्ष्य का बड़ा योगदान है। इस बारे में सबको मिलकर काम करना होगा। शाह की वर्तमान यात्रा से असम तथा मिजोरम में भाजपा की स्थिति और मजबूत होगी। अगले वर्ष असम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री के बाद अमित शाह की असम यात्रा कार्यकर्ताओं में नया जोश पैदा करेगी। केंद्रीय नेताओं के लगातर दौरे से बीटीआर क्षेत्र में रहने वाले बोड़ो लोगों के मन में चल रहे भेदभाव की भावना दूर होगी। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र में ढांचागत विकास तथा कनेक्टिविटी के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर को देश के दूसरे भागों से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए हैं। केंद्रीय मंत्रियों का पूर्वोत्तर क्षेत्र में लगातार दौरा चल रहा है। भाजपा बोड़ो बहुल इलाके में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। इससे पहले एडवांटेज असम में देश-विदेश के बड़े-बड़े उद्योगपति एवं राजनयिक शामिल हुए थे। उस दौरान असम में निवेश के कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए। मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, एन चंद्रशेखरन जैसे बड़े-बड़े उद्योगपति एडवांटेज असम में शामिल हुए थे। उस अधिवेशन से असम में निवेश का वातावरण बना है। अब राज्य सरकार की यह जिम्मेवारी है कि विकास के लिए शांति का वातावरण बना रहे। उद्योगपतियों को आकॢषत करने के लिए जबरन चंदा वसूली पर कड़ाई होना भी जरूरी है। यह संतोष का विषय है कि पिछले कुछ वर्षों से असम में बंद की संस्कृृति पर अंकुश लगा है। कुल मिलाकर अमित शाह की वर्तमान पूर्वोत्तर यात्रा से विकास के नए द्वार खुलेंगे।