आज के समय में हमारे वातावरण और जलवायु में बहुत से बदलाव हो रहें हैं। यह बदलाव पृथ्वी पर जीवन के लिए नुकसानदायक है। हमें अपने ग्रह को बचाने के लिए और मानव जीवन की सुरक्षा के लिए एक साथ काम करना होगा। विश्व के सभी देशों को एक साथ आकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा। छोटें और गरीब देश वातावरण के अनुकूल काम करतें हैं और इसकी सुरक्षा में भी पूरा सहयोग देतें हैं। वहीं जो देश विकसित होनें की राह पर हैं, उन्हें अपने पर्यावरण को भी महत्व देना होगा और प्रकृृति को बचाने का प्रयास करना पड़ेगा। पर्यावरण की समस्या का समाधानः मनुष्य जीवन पूरी तरह से प्रकृृति पर निर्भर होता है। मनुष्य अपनी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्यावरण की मदद लेता है। किसी न किसी प्रकार से मनुष्य आज भी पर्यावरण को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए इस्तेमाल करता है। छोटी छोटी बातों को समझ कर और उन्हें अपना कर हम अपनी प्रकृृति की सुरक्षा कर सकतें हैं। हम अपनी जरूरत अनुसार साधानों का उपयोग कर सकतें हैं। व्यर्थ में हमें पानी और अन्य चीजें बरबाद नहीं करनी चाहिए।
पर्यावरण की रक्षा के उपाय निम्न हैं- 1. परिवार में पर्यावरण की सुरक्षाः हमारे सीखने की शुरुआत घर परिवार से होती है। हमारा घर ही हमारा पहला विद्यालय होता है और परिजन हमारे पहले शिक्षक होते हैं। कई काल्पनिक बातों और कहानियों के जरिए हम बच्चों को वातावरण की महत्व बता सकतें हैं। घर में रखे हर पौधे की जिम्मेदारी घर के हर सदस्य को दे दी जाए, खासकर बच्चों को और उनकों उसका महत्व समझाया जाए। बच्चों को पेड़ों के नाम याद कराने से और उन पेड़ों से मिलने वाले फायदे बता कर बच्चों को पेड़ों की ओर आर्किषत किया जा सकता है। आप घर में पालतू जानवर को भी रख सकतें हैं। ऐसा करने से आप अपने परिवार जनों और जानवरों के बीच एक मजबूत रिश्ता जुड़वा सकतें हैं।
2. जीवन में सरलता को अपनाना चाहिएः कुछ सालों पहले तक बच्चों का प्रकृृति के साथ एक रिश्ता होता था। वह अपना समय पेड़ों और जानवरों के साथ बीताते थे पर अब ऐसा नही है। पहले घर बड़े होते थे और उनमें बगीचे होते थे जिसके अंदर के पेड़ों की जिम्मेदारी बच्चों को दी जाती थी। पर आज सब शहरों में आकर रहने लगे हैं और घर के अंदर पेड़ों की जगह छोटे पौधों ने ले ली है। परिवार में सबको यह बताना होगा कि हर मौसम के हिसाब से अलग फल और सब्जियां होती हैं। आज के समय में हम चीजों को दोबारा इस्तेमाल नहीं करते हैं। हमनें एक सिद्धांत अपनाया है कि इस्तेमाल करो और फेंको। हमें लाइट बंद कर देनी चाहिए, अगर उसकी आवश्यकता नहीं है। हमें टपकती हुई टंकी को ठीक कराना चाहिए क्योकि टंकी के टपकने से बहुत पानी बरबाद होता है।
3. जंगलों की सुरक्षा करनाः विकास का नया अर्थ है फैक्ट्री। जी हां, हमारी दुनिया में विकसित होने का मतलब है फैक्ट्री की स्थापना होना। ये फैक्टि्रयां वहां स्थापित होती है, जहां जंगल होता है। जंगल के पेड़ों को काट कर फैक्टि्रयां लगाई जाती हैं। खेतों के महत्व पर जोर दिया जाता है परंतु जंगलों पर नहीं। खेतों की महत्ता इसलिए बताई जाती है क्योंकि वहां से फसल पैदा होती है। पर जंगल भी हमारे लिए उतने ही आवश्यक हैं जितने की खेत। जंगलों को कई बार खेत बनाने के लिए साफ किया जाता है जो गलत है। लकड़ी पाने के लिए भी पेड़ों को कांटा जाता है पर दोबारा कोई पौधा नहीं लगाया जाता। अगर धरती पर जंगल रहेंगे तो मानव जाति को कई अनकहे फायदे होंगे। आज के समय में फसल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कीटनाशकों व रसायनों का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार की सब्जियां हमारे लिए हानिकारक होती हैं। आज खेतों में रसायनों का प्रयोग बंद कर अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं।