सरकारें पर्यावरण को लेकर कितनी चिंतित हैं इसका तो पता नहीं, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जिन्हें साल के 365 दिन पर्यावरण और वातावरण की चिंता सताती है, वे अपने स्तर पर छोटे-छोटे कदम उठाते रहते हैं।  ऐसे ही एक युवा हैं निशांत । 28 साल के निशांत बिहार के नवादा से हैं। ग्रामीण परिवेश से निकले निशांत की धरती फाउंडेशन नाम से एक संस्था है, जिसके माध्यम वे पैन इंडिया एन्वायरमेंट कंजरवेशन और नदी बचाओ अभियान, वृक्षारोपण का काम कर रहे हैं। उनकी टीम का मिशन है कि वे 2050 तक पूरे देश में 500 करोड़ वृक्ष लगाएंगे। निशांत दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पर्यावरण से जुड़े कई प्रयास कर रहे हैं।

हालांकि वे ख़ुद इस यूनिवर्सिटी के छात्र नहीं रहे हैं, लेकिन बावजूद वे यहां के कैंपस में पर्यावरण से जुड़े कार्यक्रम का आयोजन करते रहते हैं। उनकी फाउंडेशन एलुमनाई एसोसिएशन जेएनयू के समर्थन से अब तक कैंपस में 500 पेड़ लगा चुकी है। साथ ही उनकी फाउंडेशन यहां छात्रों के बीच साइकिल चलाने को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है और इसी कड़ी में उन्होंने एक छोटी-सी पहल भी की है जिसके तहत छात्र उनसे साइकिल ले सकते हैं और बदले में छात्रों को उनकी फाउंडेशन को हर महीने एक पौधा डोनेट करना होगा। निशांत कहते हैं कि हम 500 करोड़ प्लांटेशन को लेकर काम कर रहे हैं।

वृक्ष लगाने का मेरा उद्देश्य ये है कि वृक्ष अपने आप में पॉल्यूशन का Filtration करता है। अगर आप वृक्ष लगाते हैं तो जल को भी संरक्षित करते हैं, वर्षा को भी संरक्षित करते हैं और एयर पॉल्यूशन के लिए सबसे बड़ी संजीवनी है प्लांटेशन। तो इसके कारण हम प्लांटेशन को लेकर ज्यादा फोकस कर रहे हैं क्योंकि इस नेचर में जो बायोडायवर्सिटी की अपनी क्लाइमेट है उस इकोसिस्टम को बनाए रखने के लिए प्लांटेशन, फोरेस्टेशन और रिवर कंजर्वेशन ये चीजें सबसे ज्यादा अहम है। हमारा  भारत नदी अभियान भी है और भारत की नदियों को संरक्षित करना हमारा सबसे मुख्य उद्देश्य है और इसको लेकर हमने दो साल पहले यमुना पर भी काम शुरू किया है। मैं बहुत बड़े लेवल पर नहीं हूं लेकिन हम अपना काम कर रहे हैं।