कोरोना व कर्फ्यू के कारण नगर में वाहनों की आवाजाही कम हो गई है। कम संख्यक वाहनों के आवागमन के चलते ईंधन की कम खपत हो रही है, साथ ही प्रदूषण भी कम हो गया है। फलस्वरूप पर्यावरण स्वच्छ हुआ है। अधिकाधिक बारिश हो रही है। शहर की सड़कों पर लगे पौधे हरे-भरे दिख रहे हैं, जो शहर की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं। इसके अलावा शहरवासियों के आंगन व बागीचे में लगे पेड़ -पौधों में भी जान आ गई है। वह भी लहलहा रहे हैं। इनको देखकर ऐसा लग रहा है कि ये पौधे मुस्काराकर नगरवासियों को प्राण वायु ऑक्सीजन प्रदान कर कर रहे हैं। गत दिनों 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर सभी नेता-विधायक व विभागीय अधिकारियों में पौधारोपण के प्रति पहले की अपेक्षा अधिक रूचि दिखी। कोरोना काल में हो रही ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए इस बार नगरवासियों में पेड़ व पौधे लगाने के प्रति सजगता बढ़ी है। प्रमुख सड़क जीएस रोड, एमजी रोड, जीएनबी रोड, नेशनल हाईवे के साथ ही अन्य सड़कों के डिवाइडर व किनारे लगे लहलहाते पौधों को देखकर ऐसा लग रहा है कि इन पौधों में नई जान आ गई है। जागरूक नगरवासियों का कहना है कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की हुई कमी नें हमें पौधे लगाने के साथ ही उनके संरक्षण के प्रति जागरूक किया है। हर परिवार में पौधे लगाने के साथ ही इसके संरक्षण के प्रति सजगता बढ़ी तो हमें कभी भी ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी।
कोरोना व कर्फ्यू बना अवसर : बदली आबोहवा, लहलहा उठे पेड़-पौधे
