गुवाहाटीः नगर के चांदमारी अभियांत्रिकी खेल मैदान में चल रहे 12 दिवसीय असम पुस्तक मेले का सोमवार को सफल समापन हुआ। पुस्तक प्रेमियों के आगमन से चहकनेवाला यह खेल मैदान कल से बिराना हो जाएगा। बीते साल मेले में 5 करोड़ रुपए की पुस्तकों की बिक्री हुई थी, लेकिन इस साल यह रिकॉर्ड तोड़ते हुए पुस्तक प्रेमियों ने  5 करोड़ 53 लाख रुपए की पुस्तकों की खरीददारी की। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित शिक्षामंत्री डॉ. रनोज पेगू ने असम प्रकाशन परिषद और अखिल असम पुस्तक प्रकाशक एवं विक्रेता संस्था की ओर से आयोजित इस मेले को निजी सार्वजनिक भागीदारी प्रणाली का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पढ़े भारत-बढ़े भारत के आह्वान का उल्लेख करते हुए सभी को किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने को कहा।  इस मौके पर उन्होंने शिक्षण संस्थानों से पुस्तक बढ़ने का अभ्यास कराने हेतु गर्मी की छुट्टियों को किताब पाठन माह के रूप में पालन करने को कहा। पुस्तक प्रेमियों की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए अगले खानापाड़ा के खेल मैदान में इसका आयोजित करने की संभावना जताई। साथ ही लेखकों और प्रकाशकों से पुस्तक संपादन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में, पेशेवर संपादक पुस्तकों का संपादन करते हैं, यह असम में भी किया जाना चाहिए। विश्व मंच पर एक सार्वभौमिक दर्शन प्राप्त करने के लिए किताबों को पढ़ना जरूरी है और अनुवाद इस रास्ते को खोलता है, इसलिए असम प्रकाशन परिषद ने अगले साल से अनुवाद साहित्य पुरस्कार शुरू करने का फैसला किया है। उन्होने कहा कि परिषद द्वारा रचनात्मक लेखन कार्यशाला आयोजित की जाएगी।  इस दौरान गुवाहाटी में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त रुहुल अमीन ने अपने भाषण में कहा कि किताबें मनुष्य सच्चा मित्र हैं। इनमें मन के अंधेरे को दूर करने की क्षमता होती है। मेघालय के पूर्व राज्यपाल रंजीत शेखर मुसहरी ने मेले के आयोजन को लेकर परिषद तथा संस्था की संयुक्त पहल की सराहना की। इस अवसर पर परिषद के उपाध्यक्ष सुमंत चालिहा, संस्था के अध्यक्ष नागेन शर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग मंचासीन थे।