कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेहद खतरनाक साबित हुई है। कोविड-19 का नया स्ट्रेन लोगों के फेफड़ों पर तेजी से वार कर उन्हें डैमेज कर रहा है। पहली लहर के मुकाबले ये वायरस सभी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रहा है। इस बार सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन स्तर के गिरने के कई मामले देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में फेफड़ों को मजबूत रखने की जरूरत हो गई है। फेफड़ों को स्वस्थ और सामान्य रूप से काम करने के लिए आपके फेफड़ों को एक्सरसाइज की जरूरत होती है। कुछ ऐसी एक्सरसाइज हैं, जो आपको सांस लेने में और ऑक्सीजन के बेहतर अवशोषण में मदद करती हैं। ये एक्सरसाइज आपके फेफड़ों को वायुप्रवाह और ऑक्सीजन लेवल को मैनेज करने में अधिक कुशल बनाने के तरीके प्रदान करते हैं।
घर बैठे ऐसे बनाएं फेफड़ों को मजबूतः
सांस रोकने की एक्सरसाइजः इस एक्सरसाइज के लिए पहले गहरी सांस लें, जब फेफड़े फूल जाएं, तो सांस को जितना लंबा रोक सकते हैं रोक कर रखें। इस समय को नोट करें और दिन में कोशीश करें कि हर बार 2-3 सेकंड बढ़ाएं। अगर आप 25 सेकंड के ऊपर सांस रोक लेते हैं, तो इसका मतलब ये है कि आपके फेफड़ो में किसी तरह की दिक्कत नहीं है। वहीं, अगर आप सांस को 30 सेंकड के लिए रोक पाते हैं, तो मतलब आपके फेफड़े स्वस्थ हैं।
डाइट में करें ये बदलावः डॉ. अरविंद कुमार का कहना है कि क्योंकि शरीर एक वायरस से लड़ रहा होता है इसलिए उसे रिपेयर के लिए हाई प्रोटीन की बेहद ज़रूरी होता है। जो लोग नॉन-वेज खाते हैं, वे चिकन, मटन और फिश का सेवन कर सकते हैं, लेकिन उसमें तेल और घी की मात्रा कम रखें। जो लोग सिर्फ अंडा खाते हैं, तो वह भी अच्छा है, अंडे में भी प्रोटीन होता है। जो लोग शाकाहारी हैं, उनके लिए पनीर और सोयाबीन प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत हैं। वहीं, चिकनाई न लें, मीठी चीज़ों से दूर रहें क्योंकि कोविड के समय अगर शुगर बढ़ जाए, तो उससे नुकसान हो सकता है। ताज़ा फल खाएं। दिन में कम से कम 1.5 से 2 लीटर तक तरल पदार्थ ज़रूर लें। स्मोकिंग न करें क्योंकि ये आपके फेफड़ों को और नुकसान पहुंचा सकती है। ड्रिंक करने से शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होती है।
साकारात्मक सोच रखेंः इस बीमारी के दौरान एक साकारात्मक सोच बेहद जरूरी है। अगर आप साकारात्मक रहेंगे तो आपकी रिकवरी जल्दी होगी। इसके अलावा 50 प्रतिशत लोग कोविड-19 से ठीक होने के बाद कई तरह के लक्षणों को महसूस करते हैं। जिसमें भ्रम, यद्दाश्त का हल्का कमजोर होना, आंखों की रोशनी का कमजोर होना, कमजोरी और खांसी रहना आम है। ये सभी तकलीफें अच्छी डाइट और व्यायाम की मदद से कुछ समय में ठीक हो जाती हैं।