मुख्यमंत्री केंद्रिक घमासान के बीच प्रदेश भाजपा मुख्यालय वाजपेयी भवन में तीसरे दिन भी सन्नाटा छाया रहा। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने अब तक नहीं बताया कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ? भावी मुख्यमंत्री के सिलसिले में पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की राय लेने केंद्रीय पर्यवेक्षक कब आने वाला है इसकी भी कोई जानकारी राष्ट्रीय नेतृत्व ने अब तक नहीं दी। परिणामों की घोषणा के 72 घंटे बाद भी प्रदेश भाजपा के काफी संख्या में शीर्ष नेता भूमिगत हैं। वे न कुछ कहना चाहते हैं और न ही मीडिया का सामना कर रहे हैं। परिणाम घोषणा के तीन दिन बीत चुके हैं। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल तथा नेडा के संयोजक डॉ.हिमंत विश्वशर्मा अब भी एक-दूसरे से आमना-सामना नहीं कर रहे है। सरकार गठन के लिए जादुई आंकड़ा हासिल करने के बावजूद पार्टी की ओर से अब तक कोई संवाददाता सम्मेलन भी संबोधित नहीं किया जा रहा है। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रंजीत दास, राष्ट्रीय महासचिव दिलीप सैकिया व प्रदेश भाजपा के सांगठनिक सचिव फणिन्द्र नाथ शर्मा का भी यहीं कहना है कि नई दिल्ली में आयोजित पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में ही अगला मुख्यमंत्री तय होगा। गौरतलब है कि कोविड महामारी ने राज्यभर में जटिल रूप धारण कर दिया है। ऐसी स्थिति में नई सरकार को विधिवत शपथ लेकर राज्य में कोविड महामारी का सामना करना था। इस समय सोनोवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के मामले में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के पास कोई तर्क नहीं है। वहीं डॉ. हिमंत विश्वशर्मा को भी केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य नहीं बता पा रहे है। ऐसी ऊहापोह की स्थिति में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार शाम को कोलकाता में यह घोषणा की कि उनके बृहस्पतिवार को नई दिल्ली वापस जाने के बाद असम के मुख्यमंत्री पर संसदीय बोर्ड की बैठक आयोजित होने की संभावना है। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो बृहस्पतिवार रात तक नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बरकरार
