गुवाहाटी: स्थानीय दिगंबर जैन मंदिर, फैंसी बाजार में पर्व राज पर्यूषण का आज पहला दिन था। आज के दिन क्षमा धर्म की आराधना अत्यंत भक्ति भाव पूर्वक की गई। प्रातः काल 6ः00 बजे से नित्य नियम की पूजन के पश्चात 10 लक्षण मंडल विधान एवं सोलह कारण मंडल विधान की संगीतमय पूजा पूज्य गणिनी आर्यिका शिरोमणि गुरु मां 105 विंध्याश्री माता ससंघ के मार्गदर्शन में की गई। इसके पूर्व सामूहिक शांति धारा की गई। सांध्य कालीन प्रवचन में गुरु मां विंध्यश्री माता द्वारा उत्तम क्षमा धर्म पर अत्यंत सारगर्भित प्रवचन किया गया। क्षमा धर्म का विश्लेषण करते हुए गुरु मां ने कहा कि क्षमा सहिष्णुता का पर्यायवाची है। भीतर और बाहर से सहज ही सहिष्णुता है। क्षमा जीवन है जबकि क्रोध मृत्यु। क्रोधी व्यक्ति विवेक शून्य होता है और अविवेकी कभी उत्थान को प्राप्त नहीं होता। इसलिए जीवन के उत्थान के लिए जीवन में क्षमा भाव रखना आवश्यक है। क्षमा आत्मोत्थान की प्रथम सीढ़ी है।
क्षमा आत्मोत्थान की प्रथम सीढ़ी : गुरु मां विंध्यश्री माता
