देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है। देश में दैनिक मामलों को लेकर पिछले सभी रिकॉर्ड ध्वस्त होते जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को रिकॉर्ड 1.26 लाख से भी ज्यादा नए मरीज मिले। महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश और दिल्ली में हालात चिंताजनक हैं। कोरोना पर काबू पाने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों से कोविड पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान लगातार गंभीर होती स्थिति पर चिंता जताई और 11 से 14 अप्रैल के बीच टीका उत्सव मनाने की अपील की। मोदी ने कहा कि टीकाकरण के साथ ही हमें इस बात का ध्यान भी रखना है कि टीका लगवाने के बाद लापरवाही न बढ़े। उन्होंने कहा कि हमें लोगों को ये बार-बार बताना होगा कि वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क और सावधानी जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले की जयंती है और 14 अप्रैल को बाबा साहेब की। इस बीच हम सभी टीका उत्सव मनाएं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यही होना चाहिए कि इस टीका उत्सव में हम ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण करें। उन्होंने कहा कि मैं देश के युवाओं से भी आग्रह करूंगा कि आप अपने आसपास जो भी व्यक्ति 45 साल के ऊपर के हैं, उन्हें वैक्सीन लगवाने में हर संभव मदद करें। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा कि आज की स्थिति को देखते हुए टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, (यानी ट्रिपल टी) कोरोना उचित व्यवहार और कोविड प्रबंधन, इन पर हमें विशेष बल देना है। पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत कई राज्य फर्स्ट वेव की पीक को भी क्रॉस कर चुके हैं। कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं। हम सबके लिए ये चिंता का विषय है। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि देश में इस बार कोरोना संक्रमण की बढ़ोतरी पहले से भी तेज है। हम सब के लिए यह चिंता का विषय है। इस बार लोग पहले की अपेक्षा बहुत लापरवाह हो गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद, हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव है, संसाधन हैं, और वैक्सीन भी है। जनभागीदारी के साथ-साथ हमारे परिश्रमी डॉक्टर्स और हेल्थ-केयर स्टाफ ने स्थिति को संभालने में बहुत मदद की है और आज भी कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज की समीक्षा में कुछ बातें हमारे सामने स्पष्ट हैं, उन पर हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पहला- देश पहली लहर के समय की पीक को क्रॉस कर चुका है, और इस बार ये ग्रोथ रेट पहले से भी ज्यादा तेज है। बैठक खत्म होने के बाद मोदी ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू लोगों को आगाह कर रहा है। हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। अब माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ध्यान दीजिए। इसमें सरकार को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन यह मेहनत रंग लाएगी। हमने पिछली बार 10 लाख एक्टिव केस देखे हैं। हमने उस पर सफलता पाई थी। अब तो हमारे पास अनुभव और संसाधन दोनों हैं। हम इस पीक को रोक सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सभी सीएम से आग्रह करता हूं कि आप मशीनरी के जरिए सर्वे करें। पहले कोरोना में हल्के लक्षण में लोग डर जाते थे। इन दिनों लोग समझ रहे हैं कि जुकाम हो गया है। वे परिवार के साथ पहले की तरह जिंदगी जीते हैं। इससे पूरा परिवार लपेटे में आ जाता है। इसका मूल कारण यह है कि लक्षण नहीं हैं। इसके लिए प्रो एक्टिव टेस्टिंग जरूरी है। हम जितनी ज्यादा टेस्टिंग करेंगे उतने ही लोग सामने आएंगे। ऐसा करके हम परिवार को बचा सकते हैं। वैक्सीन से ज्यादा जरूरत टेस्टिंग की करने की है। हमें खुद से टेस्टिंग करने जाना है। लोगों का इंतजार नहीं करना है। मोदी ने कहा कि कोराना ऐसी चीज है कि जब तक आप इसे घर में नहीं लाओगे यह नहीं आएगा। इसमें टेस्टिंग और ट्रेकिंग की बहुत जरूरत है। इसे हल्के में नहीं लेना है। 70 फीसदी आरटी पीसीआर टेस्ट होना चाहिए। मेरे पास शिकायत आई है कि टेस्ट में लापरवाही हो रही है। टेस्ट के लिए सैंपल ठीक से लेना चाहिए। जिन राज्यों में लापरवाही हो रही है उन्हें इसे रोकना चाहिए। पॉजिटिव केस होगा तो ट्रीटमेंट होगा। नहीं होगा तो मरीज परिवार को संक्रमित करता रहेगा। कुछ लैब टेस्ट भी अलग-अलग रिपोर्ट दे रहीं है। यह कमी है। इसे सुधारना होगा।
11-14 के बीच मनाएं टीका उत्सव
