गुवाहाटी : दुनिया में कई अलग-अलग प्रकार के पक्षी हैं, लेकिन आपके आंगन में सुबह से चहल-पहल करने वाले गौरैया की बात ही सबसे अनोखा है। हालांकि यह पक्षी विशेष रूप से बदली हुई जीवन शैली के कारण विलुप्ति के कगार पर है। खासकर बदलती जीवन-शैली, फूस के घरों के बजाय कंक्रीट के घरों का उपयोग, मोबाइल टावर की स्थापना आदि के लिए आज गौरैया की चहल-पहल कम होती जा रही है। लेकिन गौरैया के संरक्षण-संबर्द्धन के लिए गुवाहाटी महानगर के एक स्वयं सेवी संगठन ‘विश्राम घर’ आगे आया है। गौरैया की विलुप्ति को ध्यान में रखते हुए विश्राम घर की ओर से भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से इस पक्षी के संरक्षण के लिए लोगों में कृृत्रिम बक्से वितरित करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया। इस परिप्रेक्ष्य में आज गुवाहाटी नगर के नूनमाटी स्थित इंडिया कार्बन के सभागार में आयोजित एक समारोह में नगर के प्रकृृति प्रेमियों, संस्थानों और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को गौरैया के लिए ‘बर्ड हाउस’ वितरित किए गए।  ‘विश्राम घर’ के अध्यक्ष प्रणव कुमार तालुकदार के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. केएन बरुवा, ब्रिगेडियर एन दत्त जोशी, कवि और लेखक डॉ. पूर्ण भट्टाचार्य, कॉटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रशांत चक्रवर्ती, इंडिया कार्बन के महाप्रबंधक श्यामल भट्टाचार्य, करुणाधारा के सचिव नवज्योति भुइयां और विशिष्ट फिल्म निर्माता चारुकमल हजारिका समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस सिलसिले में एनजीओ विश्राम घर की ओर से अध्यक्ष प्रणव कुमार तालुकदार ने बताया कि अगले चरण में गुवाहाटी के विभिन्न हिस्सों में गौरैया के संरक्षण के लिए जैव वैज्ञानिक पद्धति से तैयार ‘ बर्ड हाउस’ उपलब्ध कराया जाएगा।