गुवाहाटी: नीलाचल पहाड़ के कामाख्या धाम में आयोजित पांच दिवसीय अंबुवासी महायोग का कल समापन होगा। इस पावन अवसर पर श्रद्धालु भक्तों के साथ नगा साधु, किन्नर साध्वी, साधु,तांत्रिक अघोरी समेत सभी ने माता रानी का आशीष पाने के लिए पूरी तन्मयता से अराधना की जो आज पूरी हो गई। वहीं कल भक्तगण माता रानी के दर्शन के साथ पूजा-अर्चना व आशीष प्राप्त कर, अपने-अपने स्थान को प्रस्थान करेंगे। कामाख्या देवालय परिसर के बरदलै कङ्क्षवद्र प्रसाद शर्मा व खरू दलै हिमाद्री शर्मा ने बताया कि कामाख्या धाम में विश्वविख्यात ऐतिहासिक अंबुवासी महायोग में आज चौथे दिन करीब 1 लाख श्रद्धालु भक्त पहुंचे। दलै के अनुसार आज तक अंबुवासी के चौथे दिन तक करीब 4 लाख से अधिक श्रद्धालु आए। वहीं रविवार को पांचवें दिन श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक हो जाएगी। अंबुवासी महायोग गत 22 जून को रात 8.18 बजे पर प्रवृत्ति महायोग शुरू होने के साथ मंदिर के गर्भ गृह का पट तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद 23, 24 व 25 जून अर्थात तीन दिनों तक देवालाय का पट बंद रहा। वहीं निवृत्ति के बाद 26 जून को प्रात: मंदिर में विराजमान शक्ति की देवी माता कामाख्या को स्नान कराया जाएगा,साथ ही दैनिक रूप से पूजा- अर्चना, आरती व भोग लगाने के बाद मंदिर का पट प्रात: करीब 5.30 श्रद्धालु भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। कल रविवार को सरकारी तथा गैर सरकारी सभी संस्थान प्राय: बंद रहेंगे, जिसके चलते मंदिर में और अधिक भक्तों के पहुंचने के आसार हैं। ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर सती के 51 शक्तिपीठों में सर्वोच्च स्थान रखता है। यहीं पर भगवती की महामुद्रा (योनि कुंड) स्थित है। अंबुवासी पर माता रजस्वला होती हैं, इस कारण वहां रखा हुआ वस्त्र रक्त से पूरी तरह से लाल हो जाता है। इसे श्रद्धालु भक्त प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं, जो मनोकामनाएं पूर्ण करने के साथ फलदायी होता है। राज्य सरकार, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, पर्यटन विभाग,जीएमसी, पीडब्ल्यूडी, अग्निशमन विभाग के साथ कामाख्या देवालय परिचालना समिति की ओर से पूरा सहयोग रहा। 2019 के अंबुवासी के अनुपात में भक्तों की कम उपस्थिति रही। वहीं स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए कामाख्या अंंचल में धूम्रपान निषेध रहा, जिसके चलते इस बार नीलाचल पर्वत पर अधिक स्वस्छता दिखी।
अंबुवासी : भक्तों की अराधना हुई पूरी पट खुलने के साथ दर्शन व आशीष आज
