कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को खराब मौसम होने के कारण असम के सिलचर में चुनाव प्रचार के लिए नहीं जा सके। उनका विशेष विमान सुबह नई दिल्ली से सिलचर के लिए रवाना हुआ था। तमाम कोशिशों के बावजूद पायलट ने विमान को सिलचर हवाईअड्डे पर लैंडिंग नहीं करवा सका। उसके बाद पायलट ने विमान को गुवाहाटी के एलजीबीआई में आपात लैंडिंग कराने का फैसला किया। दिन के लगभग 2.30 बजे राहुल गांधी का विशेष विमान एलजीबीआई में आपात लैंडिंग कराया गया। गांधी हवाईअड्डे से सीधे होटल रेडिसन ब्लू पहुंचे। उधर गांधी के दौरे को लेकर सिलचर में व्यस्त असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा व असम प्रभारी जितेंद्र सिंह भी शाम को गुवाहाटी लौट आए। होटल रेडिसन ब्लू में बाद में राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के साथ मैराथन बैठकें की। बाद में दिन के दो बजे कार्बी आंग्लांग के बोकाजान में वे दो चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले थे। प्रतिकूल मौसम के कारण सभा में उपस्थित न हो पाने के कारण राहुल गांधी ने एक वीडिया वार्ता के जरिए लोगों से क्षमा मांगी। मालूम हो कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राहुल गांधी का सिलचर के तारापुर में महिलाओं के साथ एक कार्यक्रम था। उन्होंने अपनी वीडियो वार्ता में कांग्रेस की पांच गारंटियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कार्बी आंग्लांग वासियों के लिए एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि राज्य में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो कार्बी आंग्लांग को अनुच्छेद 244(क) के तहत एक स्वायत्तशासी राज्य का दर्जा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अनुच्छेद 244(क) को संविधान से निकाल देने की चेष्टा कर रही है। इसके विपरीत कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो अनुच्छेद 244(क) का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने वीडियो वार्ता में कांग्रेस के पांच प्रमुख चुनावी वादों का उल्लेख करते हुए कहा कि असम में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लागू नहीं करने देंगे क्योंकि यह राज्य की पहचान, इतिहास और संस्कृति पर हमला है। हम राज्य की पहचान, इतिहास और संस्कृति की रक्षा करेंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह वादा फिर दोहराया कि प्रदेश में उनकी पार्टी की अगुवाई में सरकार बनने पर बड़े पैमाने पर नए रोजगार का सृजन किया जाएगा तथा चाय बागानों में काम करने वालों के लिए प्रतिदिन 365 रुपए की मजदूरी तय की जाएगी। इससे पहले, राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि असम की जनता समझ गई है कि ‘जुमलों’ और प्रगति का आपस में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया कि चाय बागान मजदूरों समेत करोड़ों दिहाड़ी मजदूरों के आंसू पोंछने के लिए केंद्र सरकार ने क्या किया? जुमलों और प्रगति का आपस में कोई संबंध नहीं है- जनता ये समझ गई है।
कांग्रेस की सरकार बनी तो कार्बी आंग्लांग को मिलेगा स्वायत्तशासी राज्य का दर्जा
