आज पूर्वांचल प्रहरी की 33वीं वर्षगांठ है। यह सिर्फ पूर्वांचल प्रहरी परिवार ही नहीं, बल्कि उन सभी पाठकों के लिए गौरव का विषय है जो पिछले तीन दशकों से अधिक समय से पूर्वांचल प्रहरी से जुड़े हुए हैं और इसे अपना अखबार मानते हैं। ऐसे तो पूर्वोत्तर से आज कई हिन्दी दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं, परंतु पाठकों के साथ पूर्वांचल प्रहरी का जो अपनापन है, बिरले ही किसी और को यह गौरव प्राप्त हो। इसके लिए हम अपने सुधि पाठकों के आभारी और ऋणी हैं जिनके सहयोग और मार्ग-दर्शन में अभी तक 33 वर्ष का सफर तय हो चुका है और आगे लगातार कई दशकों तक इस सफर को तय करना है। आज पत्रकारिता का मिजाज बदल गया है। देश में नकारात्मक एवं हिंसात्मक माहौल है। जब राजनीतिज्ञों के संरक्षण में पक्ष-विपक्ष की भूमिका मीडिया निभा रहा हो, उस विषम परिस्थिति में भी पूर्वांचल प्रहरी आम लोगों का प्रहरी बनकर उनकी आवाज बुलंद कर रहा है और कलम के सिपाही की भूमिका बखूबी निभा रहा है। पूर्वांचल प्रहरी राष्ट्र के सजग प्रहरी की भूमिका निभाते हुए निष्पक्षता को ज्यादा तरजीह दे रहा है जो पत्रकारिता का पहला मूलमंत्र है।  पूर्वांचल प्रहरी के संस्थापक संपादक स्वर्गीय जीएल अग्रवाला ने इस अखबार का प्रकाशन पूर्वोत्तर की आवाज एवं इसकी पीड़ा को दिल्ली तक पहुंचाने के लिए किया था, आज हम उस सुखद अहसास के गवाह हैं। आज राज्य का हिंदीभाषी समाज उन्नति की राह पर अग्रसर है, उनकी राजनीतिक भागीदारी बढ़ी है एवं उन्हें जनप्रतिनिधित्व करने का भी मौका मिल रहा है। ये सब पूर्वांचल प्रहरी के संस्थापक संपादक जीएल अग्रवाला के ख्वाब पूरे होने जैसे हैं, जो उन्होंने तीन दशक पूर्व देखा था और इसके लिए सदैव समाज को प्रेरित किया। राजनीतिक हल्कों को पूर्वांचल प्रहरी के विशेष संपादकीय के माध्यम से इसकी जरूरतों को रेखांकित किया। खुशी है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, साहित्य व संस्कृति में भी समाज की भागीदारी बढ़ी है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि स्वर्गीय अग्रवाला ने पूर्वांचल प्रहरी के माध्यम से जिन सामाजिक चेतना के लिए कार्य किया, उसका प्रतिफल अब समाज में दिख रहा है, यह हमारे लिए संतोषप्रद है। परंतु दिसपुर से दिल्ली तक समाज के प्रतिनिधित्व में इजाफा हो, इसकी अति आवश्यकता है। जब तक समाज सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में हेबीवेट नहीं बनेगा तब तक वृहत्तर समाज में जगह नहीं मिलेगी। इसलिए इस क्षेत्र में और ज्यादा पहल करना है, यह पूर्वांचल प्रहरी का शुरू से ध्येय रहा है और हम उस ध्येय की ओर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। पूर्वांचल प्रहरी का सफर शुरू होने के बाद पूर्वोत्तर में हिंदी के प्रचार-प्रसार में तेजी आई है। इस अखबार ने हिंदीभाषियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में असमिया लेखकों, कवियों एवं साहित्यकारों को हिंदी पत्रकारिता से जोड़ा है। पूर्वांचल प्रहरी की मीडिया हाउस जीएल पब्लिकेशंस में कार्यरत कुछ पत्रकारों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। असमिया एवं हिंदीभाषी समाज को जोडऩे की दिशा में पूर्वांचल प्रहरी सदैव प्रयास करता रहा है। समाज में समन्वय एवं समरसता लाने की हमारी कोशिश जारी है। पूर्वांचल प्रहरी की 33वीं वर्षगांठ के अवसर पर सभी पाठकों, विज्ञापनदाताओं, हॉकरों, एजेंटों एवं शुभचिंतकों को हार्दिक बधाई। भविष्य में भी आपके सहयोग की कामना करते हैं, क्योंकि आप के सहयोग के बिना शानदार सफर तय होना संभव नहीं था। मुझे पूरा विश्वास है कि आगे भी आपका ऐसा ही सहयोग मिलता रहेगा।