असम राज्य चुनाव आयोग ने राज्य के 36 जिलों के 80 नगर निकायों के चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी है। राज्य चुनाव आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि 80 नगर निकायों के तहत 977 वार्डों के लिए आगामी 6 मार्च को मतदान होगा तथा 9 मार्च को परिणाम की घोषणा की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 फरवरी है, जबकि 17 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 20 फरवरी तक नामांकन नामांकन पत्र वापस लिये जा सकेंगे। गौहाटी उच्च न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण सिलचर नगर निकाय का चुनाव बाद में होगा। इसी तरह गुवाहाटी नगर निगम का चुनाव भी अप्रैल माह में होने की उम्मीद है। पहली बार नगर निकाय का चुनाव ईवीएम से कराया जाएगा। इसके लिए असम राज्य चुनाव आयोग ने 5900 ईवीएम चुनाव आयोग से लिया है। इस चुनाव में भी कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा। आयोग ने कोरोना के मद्देनजर रोड शो तथा रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उम्मीदवार तथा उसके समर्थक घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर सकते हैं, जिसमें अधिकतम 15 व्यक्तियों के भाग लेने की इजाजत होगी। राज्य के 2054 बूथों पर होने वाले मतदान के लिए 20-25 हजार सरकारी कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात होंगे। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा। 36 जिलों के 16,73,899 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। चुनाव के दौरान मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने एवं बराबर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की हिदायत दी गई है। नगर निकाय के चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य के शहरी इलाके में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। सत्ताधारी भाजपा तथा उसकी सहयोगी पार्टियां दूसरे दलों के मुकाबले ज्यादा सक्रिय हैं। हिमंत सरकार इस चुनाव में भारी जीत दर्ज कर अपना दम-खम दिखाने की पूरी कोशिश करेगी। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सक्रिय नहीं होने तथा गुटबाजी के कारण भाजपा समर्थित गठबंधन का रास्ता आसान लग रहा है। राइजर दल तथा वामपंथी पार्टियों का प्रभाव सीमित क्षेत्र में है, जबकि एआईयूडीएफ का प्रभाव केवल मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में है। हालांकि नगर निकाय का चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाता है, किंतु इस चुनाव पर राजनीतिक पार्टियों का असर निश्चित रूप से रहता है। इस चुनाव के बाद भी महापौर एवं नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव होगा। मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा इस चुनाव में भारी जीत दर्ज करवा कर अपनी लोकप्रियता साबित करने का मौका हाथ से नहीं जाने देंगे। यह चुनाव परिणाम वर्तमान सरकार की लोकप्रियता को प्रदर्शित करेगी।
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