उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। विपक्ष ने उनके इस्तीफे के मुद्दे को राजनीतिक रंग देते हुए नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि जो व्यक्ति कल सुबह से लेकर शाम 6 बजे तक राज्यसभा की कार्यवाही में भाग लिया तथा विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की, उनका अचानक इस्तीफा देना संदेह पैदा करता है। सदन की कार्यवाही के दौरान ऐसा नहीं लगा कि जगदीप धनखड़ अस्वस्थ लग रहे थे। राष्ट्रपति को भेजे अपने त्याग-पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला दिया है। उन्होंने कहा है कि डॉक्टरों की सलाह के अनुसार उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर यह निर्णय लिया है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में उनके इस बयान को लोग हजम नहीं कर पा रहे हैं। यह सही है कि पिछले मार्च महीने में अस्वस्थता के कारण उनको अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान दिल्ली में भर्ती होना पड़ा था। उत्तराखंड के नैनीताल के कुमाऊ में एक सभा के दौरान वे बेहोश हो गए थे, लेकिन सोमवार के दिन उनके चेहरे से ऐसा कुछ नहीं लगा। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने को लेकर सरकार के साथ मदभेद उभर कर सामने आये थे। राज्यसभा में महाभियोग के लिए विपक्षी सांसदों ने जो नोटिस दिया था उस पर सत्ताधारी दल के किसी भी सांसद का हस्ताक्षर नहीं था। राज्यसभा में कांग्रेस तथा सत्तापक्ष के बीच हुई तीखी बहस तथा किसानों के मुद्दे पर उनकी सार्वजनिक टिप्पणियां सत्तापक्ष को असहज कर रही थी। हालांकि अभी तक उनके इस्तीफे के असली कारण का पता नहीं चल पाया है, ङ्क्षकतु उपरोक्त मामले में सरकार की नीति से उनको नाराजगी हो सकता है। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण ङ्क्षसह ने राष्ट्रपति की अनुमति से मंगलवार को राज्यसभा की अध्यक्षता की। जिस तरीके से उनका इस्तीफा हुआ है उसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। अब नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होगा। लोकसभा तथा राज्यसभा के सांसद नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करेंगे। लोकसभा तथा राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को पूर्ण बहुमत है। ऐसी स्थिति में राजग के उम्मीदवार का उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय है। लोकसभा मेंं कुल 542 सांसद हैं जबकि वशीरहाट सीट खाली है। लोकसभा में राजग के सदस्यों की कुल संख्या 293 है। इसी तरह राज्यसभा में वर्तमान में 240 सदस्य हैं, जिसमें राजग के सदस्यों की संख्या 129 है। राज्यसभा में पांच सीट अभी भी खाली है। दोनों सदनों में राजग के बहुमत होने के कारण सरकार मनमाफिक उम्मीदवार को उपराष्ट्रपति बनवा सकती है। इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी उपराष्ट्रपति के दौर में उछल रहा है। वास्तविक स्थिति क्या है उस बारे में अभी तक कोई निश्चित जानकारी नहीं है। ऑपरेशन ङ्क्षसदूर तथा धनखड़ के इस्तीफे को लेकर संसद के दोनों सदनों लोकसभा एवं राज्यसभा में जोरदार हंगामा रहा। विपक्ष द्वारा किये गए भारी हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन स्थगित रही। विपक्ष धनखड़ के मुद्दे को प्रमुखता से उछाल कर सरकार को घेरने की कोशिश में लगा हुआ है। इस बार के संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी की है। सत्र के पहले दिन ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के मुद्दे पर सरकार को घेरने का पूरा प्रयास किया गया, ङ्क्षकतु अचानक विपक्ष को उपराष्ट्रपति धनखड़ का मुद्दा हाथ लग गया है। धनखड़ के इस्तीफे के मुद्दे पर सरकार फिलहाल बैकफुट पर है। अभी तक उपराष्ट्रपति ने अपनी जुबान नहीं खोली है। इसलिए सही कारण का पता लगाना फिलहाल मुश्किल है। नरेन्द्र मोदी सरकार बिहार के चुनाव को हर कीमत पर जीतना चाहती है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। लेकिन विपक्षी पाॢटयां सरकार की नाकामी को उजागर कर जनता का समर्थन हासिल करने की कोशिश में है। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे का मुद्दा सरकार के लिए सिरदर्द बन सकता है।