भाजपा की चिंतन बैठक  

अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव तथा इस वर्ष बीटीसी के चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोनापुर के एक निजी होटल में ङ्क्षचतन बैठक का आयोजन किया जिसमें पार्टी की तैयारियों तथा अगली रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा पूर्वोत्तर भाजपा के संयोजक संबित पात्रा, पार्टी प्रभारी हरीश द्विवेदी, केंद्रीय मंत्री सर्वानन्द सोनोवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया तथा प्रदेश महासचिव (संगठन) आर राजू सहित कई मंत्रियों एवं विधायकों ने हिस्सा लिया। परिसीमन के बाद राज्य के कई विधानसभा क्षेत्रों को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में कई वर्तमान विधायकों का टिकट कट सकता है। कई विधायक ऐसे हैं जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, उनको भी दोबारा मौका नहीं मिल सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिन विधायकों का प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं होगा, उनका टिकट कटना तय है। पार्टी में नेताओं ने केंद्र एवं राज्य सरकार के विकासमूलक कार्यों को जनता तक पहुंचाने का पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को दायित्व दिया है। पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि राज्य के प्रत्येक बूथ तथा पार्टी के नींव को मजबूत किया जाएगा। मिशन शक्ति अभियान के तहत पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह पैदा करने के लिए काम किया जाएगा। राज्य के प्रत्येक जिले में सांगठनिक बैठक का आयोजन हुआ है, जिसमें सरकारी योजना के लाभ को जनता तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है। पार्टी ने राज्य के पांच मंत्रियों रंजीत कुमार दास, पीयूष हजारिका, जयंत मल्ल बरुवा, अशोक ङ्क्षसघल एवं कौशिक राय को इस संबंध में विशेष जिम्मेवारी सौंपी है। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने संकेत दिया है कि राज्य के कम से कम 22 विधायकों का टिकट कटना लगभग तय है। केंद्रीय मंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकता एवं भाईचारे को बनाये रखते हुए जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करने का आह्वान किया। बीटीसी में भी 15 अगस्त के बाद चुनाव होने वाले हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री लगातार बीटीआर का दौरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनका मुख्य फोकस बीटीआर के 26 स्वदेशी समुदायों एवं 35 लाख मतदाताओं पर है। बीटीआर में भी भाजपा को हाग्रामा महिलारी के नेतृत्व वाले बीपीएफ से कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री अगप के साथ गठबंधन के बारे में स्पष्ट रूप से घोषणा कर चुके हैं, ङ्क्षकतु यूपीपीएल एवं बीपीएफ को लेकर संशय बना हुआ है। विधानसभा चुनाव में सहयोगी दलों को कितनी सीटें दी जाएगी इस पर भी मंथन हुआ। खराब प्रदर्शन करने वाले विधायकों को अपनी काबिलियत साबित करने के लिए एक और मौका देने का निर्णय लिया गया ताकि टिकट बंटवारे के वक्त सबको न्याय मिल सके। इस बार का चुनाव भाजपा के लिए भी आसान नहीं होगा, क्योंकि कांग्रेस गौरव गोगोई के नेतृत्व में पहले से ज्यादा हमलावर एवं सशक्त है।