जोरहाट : इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की गत मई में आयोजित सीए फाइनल परीक्षा के कल घोषित हुए नतीजों में देशभर में दूसरा स्थान हासिल करने वाली गुवाहाटी की निष्ठा बोथरा ने अपनी इस उपलब्धि से राज्य का मान बढ़ाया है। पूर्वांचल प्रहरी से विशेष बातचीत में निष्ठा ने बताया कि उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि उनकी रैंक आएगी। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दिया था, रैंक के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचा था। हां, सीए इंटरमीडिएट में भी मेरी ऑल इंडिया रैंक 2 थी, लेकिन फाइनल में भी रैंक मिलना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। सीए कोर्स शुरू करने के अपने सफर पर निष्ठा ने कहा कि उनसे पहले परिवार के कई सदस्यों ने सीए कोर्स से जुड़े। लेकिन अफसोस की बात यह है कि उनमें से किसी ने भी सीए क्लियर नहीं की। स्कूल के समय से ही घर पर सीए कोर्स की चर्चा सुनने के चलते ऐसा लगता था कि चार्टर्ड अकाउंटेंट एक सम्मानित प्रोफेशन है। ऐसे में जब कोई भी यह पूछता था कि भविष्य में क्या बनने की योजना है तो यही जवाब देती थी कि मैं सीए बनना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता के पीछे परिवार के सदस्यों से मिला मार्गदर्शन व सहयोग काफी अहम था। साथ ही सीए कोर्स के लिए एकाग्रता और फोकस काफी जरूरी है, जिस पर उन्होंने ध्यान दिया। गुवाहाटी के सरला बिड़ला ज्ञान ज्योति से दसवीं तथा गुवाहाटी से ही बारहवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई कोलकाता से की। हालांकि बारहवीं में आशानुरूप परिणाम न मिलने के चलते उन्हें अपना पसंदीदा कॉलेज नहीं मिला पाया। लेकिन देश के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स कॉलेज में उन्होंने दाखिला लिया। सीए की पढ़ाई के लिए निष्ठा ने बताया कि चार साल की मेहनत तथा सोशल मीडिया व पार्टी वगैरह से खुद को दूर रखकर उन्होंने पहले अटेम्पट में यह सफलता हासिल की। निष्ठा ने बताया कि इंटर क्लियर करने के बाद आॢटकलशिप शुरू हो जाती है। ऐसे में फाइनल की परीक्षा से पहले ऑफिस जाना भी जरूरी था। ऑफिस ड्यूटी के पश्चात वह लगभग तीन से चार घंटे पढ़ाई करती थी और परीक्षा से चार माह पूर्व ऑफिस से अवकाश लेकर लगभग 14-15 घंटे तक किताबों से ही जुड़ी रहती थी। उन्होंने सीए प्रोफेशन से जुड़े छात्रों को अपना संदेश देते हुए कहा कि सीए की परीक्षा साल में दो बार होती है। लेकिन जरूरी है कि वे जब भी परीक्षा की तैयारी में जुटेंगे तो पूरा फोकस अपने कोर्स पर होना चाहिए। सीए का पाठ्यक्रम काफी लंबा होने के कारण छात्रों को अधिक समय पढऩे की जरूरत है। अगर पहले प्रयास में वे सीए क्लियर नहीं कर पाते हैं तो गलतियों से सबक लेते हुए पुन: दूसरे प्रयास में क्लियर करने के लिए तैयारी करें। गुवाहाटी के छात्रीबाड़ी निवासी स्व. सुभाष बोथरा तथा श्रीमती संगीता बोथरा की पुत्री निष्ठा ने कहा कि सीए बनने के बाद फिलहाल वे जॉब ही करेगी। गुवाहाटी की विभिन्न संस्थाओं ने आज निष्ठा को उनकी इस उपलब्धि पर सम्मानित किया।
निष्ठा बोथरा से पूर्वांचल प्रहरी की खास बातचीत
