अब तक16 की मौत, 5,15,039 प्रभावित

पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता
गुवाहाटी : असम में बाढ़ ने विनाशकारी रूप ले लिया है। कई दिनों से हो रही भारी बारिश ने ऊपरी असम, निचली असम, बराक-ब्रह्मपुत्र घाटियों को तबाह कर दिया है। नदियों और सहायक नदियों में बहुत अधिक पानी बह रहा है और राज्य के 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी असम बाढ़ रिपोर्ट  के अनुसार प्रभावित जिलों में हैलाकांडी, होजाई, लखीमपुर, नगांव, श्रीभूमि, कार्बी आंग्लांग, डिब्रूगढ़, मोरीगांव, कामरूप, कछार, गोलाघाट, दरंग, माजुली, धेमाजी, विश्वनाथ, कामरूप (एम), पश्चिम कार्बी आंग्लांग, जोरहाट, तिनसुकिया, शोणितपुर, डिमा-हसाओ और शिवसागर शामिल हैं। ब्रह्मपुत्र (निमातीघाट), ब्रह्मपुत्र (तेजपुर), सुवनसिरी (बदतीघाट), बुढ़ीदिहिंग (चेनिमारी (खोवांग)), धनसिरी (नुमलीगढ़), कपिली (कामपुर, धरमतुल), बराक (छोटाबेकरा, फुलरतल, एपी घाट, बीपी घाट), रुकनी (धोलाई), धलेश्वरी (घरमुरा), काटाखाल (माटीजुरी)और कुशियारा (श्रीभूमि) नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ से कुल कुल 5,15,039 लोग प्रभावित हैं जिनमें  204232 पुरुष, 163357 महिला और  147450 बच्चे शामिल हैं। कुल 12610.27 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। सोमवार तक बाढ़ में बच्चों सहित कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है। बराक घाटी में बाढ़ से दो और लोगों की मौत हुई है। मांजा में बाढ़ में एक बच्चा बाढ़ के पानी में बह गया है। ब्रह्मपुत्र में बढ़ते जल स्तर के कारण गुवाहाटी-उत्तर गुवाहाटी नौका सेवा को निलंबित कर दिया गया है। राज्य में बाढ़ में कई सड़कें और बांध ध्वस्त हो गए हैं। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भारी बारिश के कारण नीपको ने रंगानदी जलविद्युत परियोजना से पानी छोड़ दिया था। शनिवार सुबह नदी ने पहुमरा में तीन स्थानों के साथ-साथ आमतला नगरगांव बांध के लगभग 200 मीटर हिस्से को तोड़ दिया। इस घटना ने नगरगांव में पांच परिवारों के घरों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया और 5,000 से अधिक लोग बाढ़ में फंस गए। मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका और आपदा न्यूनीकरण मंत्री केशव महंत ने सोमवार को आमतला का दौरा किया और आमतला नागरगांव में बाढ़ पीड़ितों को आश्वासन दिया कि बांध को जल्द ही काट कर उस जगह श्लुइस गैट बनाया जाएगा। उन्होंने बांधों के पुनर्निर्माण और बाढ़ पीड़ितों को मुआवजे सहित सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने का भी वादा किया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों को आश्वासन दिया कि नगरगांव क्षेत्र में पानी में फंसे लोगों को बचाने के लिए बांध को काटने और क्षेत्र में स्लुइस गेट लगाने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कीचड़ भरे बांध पर पैदल चलकर लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने आज पहुमरा, नाओबैचा आदि में बाढ़ की स्थिति का भी निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने रंगानदी बांध के बगलिजान और पचनई का दौरा किया और रंगानदी बांध से खतरे में पड़े खंडों का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रतिकूल मौसम के कारण गुवाहाटी-पूर्वोत्तर रेल संपर्क बाधित होने की संभावना है। पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बाढ़, भूस्खलन गंभीर रूप ले रहा है। बराक घाटी और डिमा हसाओ जिलों में भारी बारिश ने कई जगहों पर जमीनी यातायात को बाधित किया वहीं विपरीत मौसम की स्थिति के कारण पिछले दो दिनों से लामडिंग से डिमा हसाओ जिले तक रेल संपर्क बाधित है। यदि स्थिति जारी रही तो पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार गुवाहाटी से पूर्वोत्तर का रेल संपर्क भी कटने का खतरा है। उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे (एनईएफआर) के सूत्रों के अनुसार, 31 मई से भूस्खलन के कारण 80 किलोमीटर लंबा लामडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड और त्रिपुरा के विभिन्न हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रेल सेवाएं 4 जून तक रद्द रहेंगी। सामान्य रेल सेवाओं के बाधित होने के कारण कई ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया गया है या अन्य रेलवे स्टेशनों पर उनके समय में परिवर्तन किया गया है। पहाड़ी क्षेत्र में बराक घाटी में भारी बारिश के कारण 3 जून को सिलचर से अरुणाचल प्रदेश जाने वाली सिलचर-नाहरलागुन एक्सप्रेस, सिलचर-रंगिया एक्सप्रेस और सिलचर-नई दिल्ली एक्सप्रेस भी निलंबित रहेंगी। ट्रेन संपर्क बाधित होने से हजारों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

बिजली उत्पादन जरूरी लेकिन जनजीवन...

जानकारी दी गई थी। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी गंभीर स्थिति के लिए केवल एक प्रेस विज्ञप्ति या सामान्य संदेश देना पर्याप्त नहीं है। नीपको को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसा न हो और यदि रिजरवायर में पानी भरा भी हो, तब भी उसे अचानक नहीं छोड़ा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अगर नीपको की लापरवाही से यह बाढ़ आई है, तो इसकी जवाबदेही तय की जाएगी और जांच कराई जाएगी। उन्होंने नीपको को चेतावनी दी कि ऐसी घटनाएं दोहराई नहीं जानी चाहिए और पानी छोड़ने से पहले स्थानीय लोगों को समय रहते सतर्क करना अनिवार्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादन जरूरी है, लेकिन जनजीवन की कीमत पर नहीं। अगर भविष्य में भी ऐसी लापरवाही सामने आती है, तो सरकार कड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।

लखीमपुर में बाढ़ प्रभावितों से मिले...

 नगरगांव में श्लूइस गेट फिर से स्थापित किया जाएगा ताकि भविष्य में पानी आसानी से निकल सके। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पशुमारा, नाउबैसा और बगलीजान व पासोनोई के क्षेत्रों में भी बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और रंगानदी के संकटग्रस्त तटबंधों का निरीक्षण किया। वहीं दूसरी ओर रंगानदी जलविद्युत परियोजना से अचानक छोड़े गए पानी ने जिस प्रकार की तबाही मचाई, उसके बाद धेमाजी जिले के गेरुकामुख में निर्माणाधीन दो हजार मेगावाट की निचले सुवनसिरी परियोजना को लेकर जनता के बीच भारी चिंता और डर व्याप्त हो गया है। स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बताया कि अगर 405 मेगावाट की छोटी परियोजना इतना नुकसान कर सकती है तो दो हजार मेगावाट की परियोजना से भविष्य में और भी विनाशकारी बाढ़ आ सकती है। रंगानदी परियोजना के अचानक गेट खोलने से न केवल घर-द्वार और संपत्ति नष्ट हुई बल्कि राष्ट्रीय राजमार्ग और तटबंध भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। जनता ने मुख्यमंत्री से अपील की कि बड़े बांधों के संभावित खतरों पर तुरंत कारगर कदम उठाए जाएं और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

सीएम हिमंत ने की मेघालय के मुख्यमंत्री...

मुख्यमंत्रियों ने मेघालय के कारण गुवाहाटी में आई बाढ़ पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री स्तर की चर्चा में कई निर्णय लिए गए। इसलिए, असम और मेघालय दोनों राज्यों के समग्र विकास के लिए मिलकर काम करना आवश्यक है। असम और मेघालय कुलसी सिंचाई परियोजनाओं को विकसित करके अपने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे, जिसका वित्तपोषण असम सरकार करेगी। स्थानीय लोगों से परामर्श के बाद दोनों राज्य संयुक्त रूप से 55 मेगावाट की कुलसी बिजली परियोजना का निर्माण करेंगे। दोनों राज्य गुवाहाटी में शहरी बाढ़ की समस्या का समाधान खोजने पर सहमत हुए, जिससे दोनों राज्यों को लाभ होगा। हम बाढ़ संभावित क्षेत्रों की सटीक उपग्रह मैपिंग का काम नेसाक को सौंपने पर सहमत हुए। बाद में, आईआईटी रुड़की से इस समस्या के विशिष्ट समाधान सुझाने का अनुरोध किया जाएगा। 

राज्यसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी

 प्रक्रिया पूरी होते ही वोटों की गिनती की जाएगी और नतीजे जून को घोषित किए जाएंगे। अधिसूचना के अनुसार दो राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया 23 जून तक पूरी होनी चाहिए। गौरतलब है कि राज्यसभा में एजीपी के सांसद वीरेंद्र प्रसाद वैश्य और भाजपा के सांसद मिशन रंजन चौधरी के कार्यकाल 14 जून को समाप्त हो रही हैं। गौरतलब है कि असम में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 42 विधायकों के वोट की जरूरत होती है। इसका मतलब है कि सत्तारूढ़ गठबंधन को दो सीटों के लिए 84 वोटों की जरूरत है। असम विधानसभा में फिलहाल भाजपा गठबंधन के पास 80 सीटें हैं। राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि सत्तारूढ़ भाजपा विभाजित विपक्ष के चार विधायकों को आसानी से अपने पाले में कर लेगी। सीटों के समझौते के अनुसार राज्यसभा के दो सीटों में से एक पर भाजपा और दूसरी पर एजीपी चुनाव लड़ेगी।

गौरव का नगांव में गर्मजोशी से किया...

 कमेटी की ओर से  बोरघाट बाईपास चरियाली के पास किया गया था। गोगोई कल रात शिवसागर और गोलाघाट से नगांव पहुंचे और बोरघाट बाईपास चरियाली के पास एक होटल में रुके। स्वागत समारोह के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए गोगोई ने नगांव, शिवसागर, जोरहाट और गोलाघाट के लोगों के प्रति उनके जबरदस्त  समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास किया है। गोगोई ने जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी जिला, ब्लॉक और मंडल कांग्रेस समितियों के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं और राजनीतिक मामलों की समिति के साथ मिलकर एक मजबूत नींव बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। गठबंधन के बारे में गोगोई ने कहा कि अन्य दलों के साथ गठबंधन करने से पहले पार्टी को खुद को मजबूत करना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक मजबूत पार्टी एक बेहतर सहयोगी होगी और पार्टी को इस मामले पर जनता की राय का आकलन करने की आवश्यकता होगी। सत्तारूढ़ भाजपा गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए गोगोई ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की भी आलोचना की और उनकी नीतियों और कार्यों पर निराशा व्यक्त  की। अपने दौरे के दौरान गोगोई का नगांव जिले के बटद्रबा, संतिजन बाजार, भोमुरागुड़ी, रैडोंगिया, चलचली, तानपारा और अन्य स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया। इससे पहले रविवार को नगांव जाते समय गोगोई का पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ समर्थकों और शुभचिंतकों ने कलियाबर, अंबागान, सिंगिमारी, रूपाहीहाट आदि विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया था। गौरतलब है कि नगांव दौरे के दौरान नवनियुक्त एपीसीसी अध्यक्ष के लिए निर्धारित मार्ग पर लगाए जा रहे कांग्रेस पार्टी के बैनर, पोस्टर, झंडे और गौरव गोगोई की तस्वीर वाले होर्डिंग्स को कथित तौर पर आज सुबह नगांव नगर पालिका बोर्ड के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने हटा दिया, जिससे छोटे से शहर में आज हंगामा मच गया। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जिला कांग्रेस कमेटी ने नगांव नगर पालिका बोर्ड की कड़ी आलोचना करते हुए इस कृत्य को लोकतंत्र के खिलाफ बताया और कहा कि जिले में इस तरह की गतिविधियां पहले शायद ही कभी देखी थी।  दूसरी ओर गोगोई ने कहा कि कांग्रेस की असम इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष गौरव गोगोई ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में भाजपा नीत सरकार के कथित भ्रष्टाचार को उजागर करेगी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बरकरार रखते हुए लोकतंत्र की रक्षा करेगी। गोगोई ने तीन दिवसीय जनसंपर्क यात्रा के अंतिम दिन के कार्यक्रम की शुरुआत नगांव जिले में महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव की पवित्र जन्मस्थली बाताद्रवा थान के दर्शन के साथ की। उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। थान के बाहर कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा कि असम के प्रत्येक नागरिक की भलाई के लिए प्रार्थना की गई। प्रस्तावित विपक्षी गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर गोगोई ने कहा कि असम में कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि  हम राज्य में वर्तमान भाजपा नीत असम सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर किए जा रहे भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे। हम जनविरोधी कृत्यों के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे। गोगोई ने यह भी कहा कि कांग्रेस असम के पत्रकारों पर वर्तमान भाजपा नीत सरकार के कथित अत्याचारों के स्थान पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्र पत्रकारिता को कायम रखते हुए लोकतंत्र की रक्षा करेगी। बटद्रवा थान की यात्रा के दौरान उनके साथ लोकसभा सदस्य रकिबुल हुसैन, बटद्रवा से विधायक शिबामणि बोरा, रूपाहीहाट से विधायक नूरुल हुदा, तितावर से विधायक भास्कर ज्योति बरुवा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। 



एससी का असम में निर्वासन अभियान...

याचिका में शीर्ष अदालत के चार फरवरी के आदेश का हवाला दिया गया है, जिसमें एक अलग याचिका पर विचार करते हुए असम को 63 घोषित विदेशी नागरिकों, जिनकी राष्ट्रीयता ज्ञात है, उनके निर्वासन की प्रक्रिया दो सप्ताह के भीतर शुरू करने का निर्देश दिया गया था। याचिका में दावा किया गया है कि उक्त आदेश (चार फरवरी के) के अनुसरण में... असम राज्य ने विदेशी होने के संदेह वाले व्यक्तियों को हिरासत में लेने और निर्वासित करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। विदेशी न्यायाधिकरण के फैसले के बिना, राष्ट्रीयता सत्यापन किए बिना या सभी कानूनी उपायों के इस्तेमाल के बिना ये किया गया। याचिका में कुछ खबरों का हवाला दिया गया, जिनमें एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक के बारे में भी रिपोर्ट थी कि उसे कथित तौर पर बांग्लादेश वापस भेज दिया गया। याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि किसी भी व्यक्ति को चार फरवरी के आदेश के अनुसार विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा कारण बताए बिना, अपील या समीक्षा का पर्याप्त अवसर दिए बिना और विदेश मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीयता के सत्यापन के बिना निर्वासित नहीं किया जाएगा। (भाषा) 

भारत-जापान के बीच समुद्री संबंधों ...

संबंधों को और मजबूत किया जा सके। दोनों मंत्रियों ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप द्वीप समूह को स्मार्ट द्वीपों में बदलने के लिए टिकाऊ प्रौद्योगिकियों, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे और बेहतर कनेक्टिविटी पर भी चर्चा की। सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि इस क्षेत्र में जापान की विशेषज्ञता बेहद मूल्यवान है। हम अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप में खासकर नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट मोबिलिटी सिस्टम और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुरक्षा के मामले में संयुक्त कार्य की संभावनाओं की गुंजाइश को समझते हैं। ये पहल पर्यावरण संरक्षण और समुद्री सुरक्षा और समृद्धि के लिए हमारी आपसी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएगी। बैठक में भारत और जापानी शिपयार्ड के संबंध में साझेदारी बढ़ाने पर भी चर्चा हुई, जिसमें आंध्र प्रदेश में इमाबारी शिपयार्ड जैसे ग्रीनफील्ड निवेश शामिल हैं। बंदरगाहों और समुद्री औद्योगिक समूहों को स्वच्छ ऊर्जा केंद्रों के रूप में विकसित करने के अवसरों को भी पारस्परिक रूप से गति दी जाएगी। सोनोवाल ने इमाबारी शिपबिल्डिंग, जेएमयूसी, कनागावा डॉकयार्ड और मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख जापानी जहाज निर्माण कंपनियों के साथ बातचीत के बारे में भारत की रुचि व्यक्त की। सोनोवाल ने कहा, हमने जापान की तीन सबसे बड़ी समुद्री कंपनियों एनवाईके लाइन, एमओएल और के लाइन को भारत के बढ़ते समुद्री क्षेत्र में संयुक्त उद्यम और निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत समुद्री भारत विजन 2030 और समुद्री अमृत काल विजन 2047 को साकार करने में तेजी लाने के लिए इन परिवर्तनकारी पहलों में जापान के सहयोग की अपेक्षा करता है। दोनों पक्षों ने खास तौर पर टिकाऊ समुद्री प्रौद्योगिकी और अगली पीढ़ी के जहाज डिजाइन के क्षेत्रों में समुद्री क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई। सोनोवाल ने सहयोग के आशाजनक रास्ते खोलने के उद्देश्य से कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल), भारतीय विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक निकायों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) में भारत की रुचि व्यक्त की। भारत की मानव पूंजी को उन्नत करने और तैनात करने पर, सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत में वर्तमान में 1,54,000 से अधिक प्रशिक्षित नाविक हैं, जो जापान के समुद्री कार्यबल को और अधिक गतिशील बनाने में सक्षम हैं। हम समुद्री क्षेत्र के बारे में जापान के समृद्ध ज्ञान के साथ क्षमता निर्माण के लिए भारतीय नाविकों के प्रशिक्षण को उन्नत करने और तैनात करने पर जोर दे रहे हैं। हम भारतीय इंजीनियरों और श्रमिकों के उचित प्रशिक्षण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए हमारे द्विपक्षीय समुद्री सहयोग के लिए अवसर देखते हैं। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के तहत गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय (एनएमएचसी) का निर्माण चल रहा है। इसका उद्देश्य भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास और विरासत को प्रदर्शित करना है। यह समुद्री क्षेत्र में विरासत पर्यटन, शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक विश्व स्तरीय केंद्र के रूप में भी काम करेगा। भारत ने इस परियोजना के लिए जापान को भागीदार बनाने में रुचि दिखाई। सोनोवाल ने उप मंत्री टेराडा योसिमिची को इस साल 27 से 31 अक्तूबर तक मुंबई में आयोजित होने वाले भारत समुद्री सप्ताह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

यूक्रेन-रूस के बीच तुर्किये में...

अदला-बदली हुई थी। जेलेंस्की के कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने कहा कि यूक्रेन ने रूस को उन बच्चों की एक आधिकारिक सूची भी सौंपी है, जिनके बारे में कहा गया है कि उन्हें जबरन निर्वासित किया गया था और उन्हें वापस किया जाना चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने किया जबकि रूसी प्रतिनिधिमंडल व्लादिमीर पुतिन के करीबी सहयोगी व्लादिमीर मेदेंस्की के नेतृत्व में बैठक में शामिल हुआ। तुर्किये के विदेश मंत्री हकन फिदान ने शहर के सिरागन पैलेस में वार्ता की अध्यक्षता की तथा शुरुआती संबोधन दिया। फिदान ने कहा कि वार्ता का उद्देश्य दोनों पक्षों के संघर्षविराम की शर्तों पर चर्चा करना था।  दोनों पक्षों को संघर्षविराम स्वीकार करने के लिए तैयार करने के वास्ते अमरीका के प्रयास अब तक विफल रहे हैं। इस बीच लगभग 1,000 किलोमीटर (620 मील) के अग्रिम मोर्चे पर भीषण लड़ाई जारी रही और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के क्षेत्र में भीतर तक हमले किए। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ने कहा कि रविवार को यूक्रेन के एक ड्रोन हमले में रूस के भीतर 40 से अधिक रूसी विमानों को नष्ट कर दिया गया, जबकि मॉस्को ने मिसाइलों और ड्रोन से यूक्रेन पर हमला किया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसकी वायु सेना ने 162 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया।(एपी) 

प्रभास बोस  ने संभाला एसबीआई, गुवाहाटी...

 विकास और संचालन के लिए जिम्मेदार थे। प्रभास बोस को बैंकिंग में विविध अनुभव है और उन्होंने भारत में कई स्थानों पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने टोक्यो और सिडनी में बैंक के कार्यालयों में भी काम किया है। 25 वर्षों से अधिक के अनुभव वाले कैरियर बैंकर, प्रभास बोस ने रिटेल बैंकिंग, अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, ऋण, आईटी और परिचालन सहित विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

पर्ल हार्बर हमला : जिससे शुरू...

भी 'सरप्राइज अटैक के संदर्भ में याद किया जाता है। 7 दिसंबर 1941 की सुबह, हवाई द्वीप के ओआहू पर स्थित अमरीकी नौसेना के पर्ल हार्बर अड्डे पर सब कुछ सामान्य लग रहा था। सूरज की पहली किरणें समंदर पर झिलमिला रही थीं और सैनिक अपनी रोजमर्रा की ड्यूटी या आराम में लगे हुए थे, लेकिन ठीक सुबह 7 बजकर 48 मिनट पर, आसमान से मौत बरसने लगी। जापान की इंपीरियल नेवी के 177 लड़ाकू विमान अचानक से पर्ल हार्बर (एक बंदरगाह) पर टूट पड़े। किसी को भनक तक नहीं लगी थी कि एक विशाल हमला होने वाला है। इन विमानों ने दो हिस्सों में बंटकर हमला किया। कुछ ने हवाई पट्टियों और खड़े विमानों को निशाना बनाया, तो कुछ ने बंदरगाह में खड़े विशाल युद्धपोतों पर टॉरपीडो और बम बरसाने शुरू कर दिए। हमले के शुरुआती पांच मिनटों में ही चार अमरीकी युद्धपोत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। यूएसएस ओक्लाहोमा और यूएसएस एरिजोना सबसे पहले निशाना बने। कुछ ही मिनटों बाद, एरिजोना का वह हिस्सा, जिसमें बारूद रखा गया था, सीधे बम की चपेट में आ गया। एक भीषण विस्फोट हुआ और कुछ ही पलों में जहाज समंदर में समा गया। इस एक हमले में 1,177 नौसैनिक मारे गए। करीब एक घंटे बाद, जापान के करीब 163 विमान पर्ल हार्बर पर दूसरी लहर में हमला करने पहुंचे। यह हमला भी बेहद सटीक और खतरनाक था। कुल मिलाकर दो घंटे के अंदर-अंदर 21 अमरीकी जहाज डूब गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, 188 सैन्य विमान नष्ट हो गए और 2,403 अमरीकी सैनिकों और अधिकारियों की जान चली गई। इस विनाश के बीच भी कुछ सैनिकों ने असाधारण साहस दिखाया। उनमें से एक थे डोरिस 'डोरीÓ मिलर, जो उस वक्त यूएसएस वेस्ट वर्जीनिया पर मेसमैन थर्ड क्लास के पद पर तैनात थे। यानी भोजन परोसने वाले। जैसे ही जहाज पर टॉरपीडो का हमला हुआ, मिलर तुरंत ड्यूटी पर पहुंचे। उन्होंने घायल कप्तान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, फिर एक 50 कैलिबर की एंटी-एयरक्राफ्ट मशीन गन संभाल ली। एक ऐसा हथियार जिसे उन्होंने पहले कभी चलाया भी नहीं था। मिलर ने गोलियां खत्म होने तक दुश्मन विमानों पर फायरिंग की। इसके बाद भी वे घायल नाविकों को बचाते रहे। उनकी बहादुरी के लिए अगले साल उन्हें नेवी क्रॉस से सम्मानित किया गया। दूसरी तरफ, कुछ अमरीकी पायलटों ने दुश्मन के हमले के बीच ही विमान उड़ाने की कोशिश की। सेकेंड लेफ्टिनेंट केनेथ एम. टेलर और जॉर्ज वेल्च उस रात क्रिसमस पार्टी के बाद आराम कर रहे थे। धमाकों और गोलियों की आवाज सुनते ही वे जागे, और बिना समय गंवाए अपने लड़ाकू विमानों तक पहुंचे, इस दौरान वे टक्सीडो पहने हुए थे। इन्होंने आकाश में उड़ान भरी और सात जापानी विमानों को मार गिराया।  (एजेंसी)

शिलांग के डबलडेकर रूट की खाई...

बताया कि इंदौर के राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम, मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ी जिले के सोहरा (जिसे चेरापूंजी भी कहा जाता है) में 23 मई को रहस्यमय हालात में लापता हुए थे। उन्होंने बताया कि यह दंपति 'हनीमून मनाने मेघालय गया था। इंदौर के पुलिस उपायुक्त (अपराध निरोधक शाखा) राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि हमें ताजा जानकारी मिली है कि मेघालय पुलिस ने खोज अभियान के दौरान एक शव बरामद किया है। राजा रघुवंशी के भाई विपिन रघुवंशी ने इस शव की पहचान अपने भाई राजा रघुवंशी के तौर पर की है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल सकेगा कि राजा रघुवंशी का शव कितने दिन पुराना है और उनकी मौत कैसे हुई। त्रिपाठी ने बताया कि मेघालय पुलिस का खोज अभियान जारी है और उसे राजा रघुवंशी की लापता पत्नी सोनम के बारे में फिलहाल कोई भी सुराग नहीं मिला है। मेघालय में अपनी पत्नी सोनम के साथ लापता राजा रघुवंशी का परिवार इंदौर में ट्रांसपोर्ट के कारोबार से जुड़ा है। इस जोड़े की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी और वे 20 मई को हनीमून मनाने के लिए मेघालय के लिए रवाना हुए थे। राजा रघुवंशी का शव मिलने की सूचना से पहले, उनके बड़े भाई सचिन रघुवंशी ने मेघालय में दंपति के अपहरण का संदेह जताया और उनके खोज अभियान में सेना की मदद लेने का अनुरोध किया। रघुवंशी ने इंदौर में कहा कि उन्हें मेघालय पहुंचे उनके भाई और उसकी पत्नी की गुमशुदगी को लेकर स्थानीय होटलों के कर्मचारियों, गाइडों और किराए पर दोपहिया वाहन देने वाले लोगों पर संदेह है और पुलिस को इनसे सख्ती से पूछताछ करनी चाहिए। वहीं राजा और सोनम के बैग उनके होमस्टे में मिले थे। बैगों की तलाशी लेने पर भी मोबाइल और गहनों का कुछ पता नहीं चला। इस पूरे मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि यदि यह कोई हादसा था तो फिर सोनम कहां हैं। अगर वह सुरक्षित होतीं तो अब तक सामने आ जातीं या किसी से संपर्क करतीं। स्थानीय लोगों से पूछताछ में भी उनके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। खास बात यह भी है कि राजा का शव जिस जगह से मिला है, वह इलाका पहले ही तलाशी अभियान का हिस्सा रह चुका है। इसके बावजूद इतने दिनों तक शव नहीं मिलना, संदेह को और गहरा कर रहा है।