गर्मियों में शरीर को पानी की जरूरत ज्यादा होती है क्योंकि तेज धूप और पसीने के जरिए काफी मात्रा में फ्लुइड्स बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में अगर पर्याप्त पानी न पिया जाए तो डिहाइड्रेशन हो सकता है, जो डायरिया, लो ब्लड प्रेशर, चक्कर आना और बेहोशी जैसी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। यह एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं। भारत में यह और भी ज्यादा आम है क्योंकि यहां का मौसम अधिक गर्म और नम रहता है। चिंता की बात यह है कि बहुत से लोग इसके लक्षणों को पहचान नहीं पाते और उन्हें यह एहसास ही नहीं होता कि वे धीरे-धीरे डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे हैं। हालांकि थोड़ी सी जागरूकता और नियमित पानी पीने की आदत से इसके खतरे से बचा जा सकता है। शरीर में पानी की कमी होने को डिहाइड्रेशन कहते हैं। यह समस्या आमतौर पर तेज धूप में अधिक समय बिताने, बहुत ज्यादा पसीना आने, बुखार, दस्त या उल्टी होने पर हो सकती है। इसके अलावा अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते या कोई ऐसी दवाएं ले रहे हैं, जिससे बार-बार पेशाब आता है तो भी डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ सकता है। शरीर में पानी के अनगिनत काम हैं।

यह शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में मदद करता है। साथ ही यह यूरिन और पसीने के जरिए शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह हमारे खाने को पचाने में भी एक बड़ी भूमिका निभाता है। पानी हमारे शरीर के अंगों और टिश्यू को नम रखकर उन्हें प्रोटेक्ट करता है। इसके अलावा शरीर में पानी के और भी कुछ काम हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग 60-70' तक पानी होता है, जबकि नवजात शिशुओं में यह करीब 75-80' तक होता है। शरीर के सभी हिस्सों में पानी मौजूद होता है, लेकिन कुछ अंगों में इसकी मात्रा अधिक होती है। ब्रेन और लिवर में पानी की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, जबकि हड्डियों और दांतों में इसका प्रतिशत सबसे कम होता है। अक्सर बिजी लाइफस्टाइल या पानी पीने की आदत न होने के कारण लोग दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी पाते।तेज गर्मी, बुखार, उल्टी, दस्त या हार्ड फिजिकल एक्टिविटी से शरीर से बहुत अधिक पसीना और इलेक्ट्रोलाइट्स निकलते हैं। अगर इसकी भरपाई समय पर न हो तो भी डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसके अलावा लिवर डिजीज, डायबिटीज जैसी बीमारियां, कुछ दवाओं का सेवन, ज्यादा कैफीन या अल्कोहल लेना भी शरीर में पानी की कमी का कारण बन सकते हैं। डिहाइड्रेशन के लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर में पानी की कमी कितनी है। सबसे आम लक्षणों में बार-बार प्यास लगना, मुंह सूखना, कम मात्रा में पेशाब आना और यूरिन का रंग गहरा पीला होना शामिल है। इसके साथ ही थकान, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन और मल त्याग में परेशानी जैसे संकेत भी दिख सकते हैं। कुछ गंभीर लक्षणों में हार्ट रेट और सांस का तेज होना, स्किन ड्राई हो जाना, आंखों का धंस जाना, ब्लड प्रेशर कम होना और कभी-कभी बेहोशी आना भी शामिल है।