13 जिलों में येलो अलर्ट, जन-जीवन अस्त-व्यस्त
गुवाहाटी : पूर्वोत्तर के कई अन्य राज्यों के साथ असम के अधिकांश हिस्से भी प्री-मानसून के प्रभाव में पिछले बहाग बिहू के समय से लगभग एक महीने से अधिक समय तक गरज, बिजली और बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बारिश हो रही है। पड़ोसी बांग्लादेश में भी मौसम परिवर्तन और आसमान में प्राकृतिक घटनाओं के कारण समुद्र तल से मात्र आधा किलोमीटर ऊपर जलवाष्प वाली हवाएं चल रही हैं। इसी समय, गंगा बेसिन और हिमालय की तलहटी में मौसम भी नाटकीय रूप से बदल रहा है। मौसम में अचानक परिवर्तन के कारण पिछले 24 घंटों में असम समेत कई पूर्वोत्तर राज्यों में मध्यम से भारी बारिश हुई। गुवाहाटी के बोरझार स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने मंगलवार शाम को बताया कि अगले पांच दिनों तक मौसम में कोई बदलाव नहीं होगा। असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एडीएमए) ने मौसम विभाग की चेतावनी के बाद मंगलवार दोपहर को कामरूप मेट्रोपॉलिटन और कामरूप जिलों सहित निचली असम और बीटीएडी के 13 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया। प्राधिकरण ने कोकराझाड़, चिरांग, बाक्सा सहित निचली असम के अन्य जिलों के साथ-साथ बीटीएडी के नागरिकों से अगले तीन दिनों तक अधिक सतर्क रहने का आग्रह किया। हालांकि, जिला प्रशासन ने प्राधिकरण द्वारा जारी 13 जिलों में से दो में रेड अलर्ट जैसी सतर्कता जारी किया है। पश्चिमी गुवाहाटी के अज़ारा पटगांव में एनडीआरएफ के प्रथम बल को भी अलर्ट पर रहने का आग्रह किया गया है। गुवाहाटी शहर में सोमवार आधी रात से मंगलवार दोपहर तक पिछले 24 घंटों में दक्षिणी असम और बीटीएडी जिलों के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। पिछले 24 घंटों में उत्तर पूर्व में पड़ोसी राज्य मेघालय और असम से सटा हुआ पूर्वी गारो हिल्स जिले का मुख्यालय विलियम शहर में पूर्वोत्तर के अधिकतम 28 सेमी वर्षा हुई। इसी अवधि के दौरान विश्व में सर्वाधिक वर्षा होने वाले चेरापूंजी में 14 सेमी वर्षा हुई। असम में गुवाहाटी शहर में सबसे अधिक 11 सेमी बारिश हुई। गुवाहाटी को छोड़कर राज्य के अधिकांश हिस्सों में औसत वर्षा 3 से 6 सेमी रही। गुवाहाटी शहर में मंगलवार सुबह भारी बारिश हुई, जिससे शहर के कई रिहायशी इलाकों और सड़कों पर कृत्रिम बाढ़ आ गई। गुवाहाटी शहर में कल रात भारी बारिश हुई, जिससे शहर के कई हिस्सों में भयंकर कृत्रिम बाढ़ आ गई और शहरवासियों का सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ऊपरी और निचली असम से आने वाले वाहन गुवाहाटी शहर में प्रवेश करते समय कमर तक कृत्रिम बाढ़ के पानी में फंस गए और एक अवर्णनीय स्थिति उत्पन्न हो गया। कृत्रिम बाढ़ के पानी में फंसा हुआ यातायात काफी समय तक ठप रहा। गौरतलब है कि स्मार्ट गुवाहाटी में कृत्रिम बाढ़ अब एक स्वाभाविक घटना बन गई है। शहर में अधिकांश सड़कें बारिश होने पर पानी से भर जाती है। सोमवार की रात की बारिश में स्मार्ट सिटी की सड़कों पर कृत्रिम बाढ़ आ गई और सातगांव पुलिस स्टेशन और गीतानगर पुलिस स्टेशन के अंदर और बाहर पानी भर गया। सातगांव थाना और गीतानगर थाना के अंदर बारिश के पानी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज नष्ट हो गए। पुलिस को थाने के हथियार भी ऊंचे स्थानों पर रखना पड़ा। कृत्रिम बाढ़ के कारण पुलिस स्टेशन का काम पूरी तरह से ठप हो गया। बाद में पुलिस ने थाने के अंदर पानी साफ किया, हालांकि विभिन्न कार्यों से थाने आए कई लोगों को कृत्रिम जलभराव के कारण लौटना पड़ा। कृत्रिम बाढ़ ने शहर के कई मुख्य सड़कों पर यातायात बाधित कर दिया है। शहर के चांदमारी, जू-रोड, वीआईपी रोड, आमबाड़, हाथीगांव, बेलतला, रुक्मिणीगांव, अनिल नगर, नवीन नगर, सिक्स माइल, आदाबाड़ी, जीएस रोड, हेंगराबाड़ी, पल्टन बाजार, फैंसी बाजार, फटाशिल आमबाड़ी, बेलतला, बशिष्ठ, जोराबाट गढ़चुक आदि जगह पानी में डूब गए। सुबह कार्यालय जाते समय और शाम को ऑफिस से घर लौटते समय कर्मचारियों को काफी परेशानी की सामना करना पड़ा। इसी तरह स्कूल जाने वाले छात्र भी काफी परेशान रहे। कृत्रिम बाढ़ में कमर तक पानी में डुबे कई सड़कों पर आम जनता दो से तीन घंटे तक पानी में फंसे रहे। कई वाहन पानी में डूब गए और काम करना बंद कर दिया। कृृत्रिम बाढ़ के कारण असम राज्य विद्युत परिषद ने कुछ क्षेत्रों में बिजली काट दी। इसलिए, क्षेत्र के निवासियों को भारी परेशानी हुई। महत्वपूर्ण बात यह है कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने गुवाहाटी शहर को देश के पांच सर्वश्रेष्ठ शहरों में शुमार करने की योजना बनाई है। गुवाहाटी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। हालांकि गुवाहाटी के लोग लंबे समय से परेशान रहे कृत्रिम बाढ़ पर सरकार आज तक नियंत्रण नहीं कर पाई है। हालांकि, बारिश के साथ बादल छाए रहने से तापमान में काफी गिरावट आई है और जेठ के गर्म महीने के छह दिनों के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है। वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार को राज्य के प्रमुख शहरों में अधिकतम तापमान गुवाहाटी में 28.2 डिग्री सेल्सियस, डिब्रूगढ़ में 25.8 डिग्री सेल्सियस, तेजपुर में 26.9 डिग्री सेल्सियस, धुबड़ी में 27.9 डिग्री सेल्सियस, जोरहाट में 26.4 डिग्री सेल्सियस, उत्तरी लखीमपुर में 27.6 डिग्री सेल्सियस और सिलचर में 27.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी अवधि के दौरान पूर्वोत्तर के स्कॉटलैंड कहे जाने वाले शिलांग में उच्चतम तापमान 22.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस बीच, मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में कमोबेश गरज के साथ बादल छाए रहने की चेतावनी जारी की है। यहां तक कि पहाड़ी और नदी वाले इलाकों में भी रात में अपेक्षाकृत ठंड रहेगी। राजधानी गुवाहाटी सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। इसलिए, जेठ के गर्म महीने में भी राज्य के अधिकांश हिस्सों में लोगों को रात में गर्म रहने के लिए कपड़ों का उपयोग करना पड़ रहा है।
लाचित बरफुकन पुलिस अकादमी में...
पुलिस विभाग को आधुनिक तकनीक के अधिकतम उपयोग के साथ-साथ जनसामान्य के साथ मजबूत समन्वय स्थापित करने की दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया। डॉ. शर्मा ने कहा कि एक उत्तरदायी, पारदर्शी और जनमुखी पुलिस व्यवस्था किसी भी प्रगतिशील समाज की रीढ़ होती है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि पुलिस बल को संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्य करना चाहिए ताकि आम नागरिकों को सुरक्षा और विश्वास का माहौल प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने विश्वास जताया कि इस सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श से प्रदेश में कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ करने, अपराध नियंत्रण को प्रभावशाली बनाने और असम को एक सुरक्षित राज्य के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस बल की सराहना करते हुए कहा कि उनकी भूमिका राज्य के विकास और सामाजिक शांति को बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। मालूम हो कि इस बार के सम्मेलन की एक अहम बात यह है कि गृह विभाग द्वारा जिला पुलिस अधीक्षकों से रिपोर्ट कार्ड अंकलन किया गया। मुख्यमंत्री प्रत्येक सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से उनके कार्यों को लेकर सीधी जवाबदेही की। पिछले छह महीनों में विभिन्न जिलों में एसपी द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन किया जा रहा है और उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने हर छह महीने पर पुलिस अधीक्षकों का सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की थी। उसी क्रम में अब यह सम्मेलन देरगांव में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने पहले ही राज्य में कानून के शासन को सुदृढ़ करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित कर दिया था। सम्मेलन में उन जिलों का विशेष उल्लेख किया था, जहां बकाया मामलों की संख्या अधिक है, महिलाओं के खिलाफ अपराध, बाल विवाह, ड्रग्स से संबंधित अपराध, साइबर क्राइम आदि मामलों में कमजोर प्रदर्शन हुआ है। ऐसे जिलों के जिला पुलिस अधीक्षकों को तीन महीने में सुधार के लिए निर्देश दिए गए थे। गृह विभाग की ओर से जिला पुलिस अधीक्षकों के कामकाज, दक्षता और उपलब्धियों पर आधारित समग्र रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसे इस सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया। यह सम्मेलन न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था की समीक्षा का अवसर होगा, बल्कि आगे की कार्ययोजना तय करने के लिए भी एक अहम मंच साबित होगा।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब तक 73...
चिरांग और होजई जिलों से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की तरह, राष्ट्र विरोधियों का पता लगाने और उन्हें दंडित करने का हमारा मिशन जारी है...73 पाकिस्तानी एजेंट अब जेल में हैं। इससे पहले, विपक्षी एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम को पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान और उसकी मिलीभगत का कथित तौर पर बचाव करने के आरोप में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मामले में जमानत मिलने के बाद इस्लाम को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया था। शर्मा ने दो मई को, जम्मू कश्मीर आतंकी हमले के बाद 'पाकिस्तान जिंदाबादÓ का नारा लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटक स्थल पर 22 अप्रैल को आतंकवादियों के हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।(भाषा)
गुवाहाटी केंद्रीय कारागार से एनडीएफबी...
नेताओं और सदस्यों को कोकराझाड़ लाया गया और जिला सत्र एवं न्यायाधीश की अदालत में पेश किए जाने के बाद उन्हें कोकराझाड़ जिला कारागार भेज दिया गया।
पाक का बलूचिस्तान खनिज संपन्न,...
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे अधिक संसाधन संपन्न प्रांत होने के बावजूद, बलूचिस्तान इसका सबसे उपेक्षित और अविकसित क्षेत्र बना हुआ है। एक विरोधाभास जो दशकों के व्यवस्थित आर्थिक और राजनीतिक शोषण को दर्शाता है। असम के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की कुल खनिज संपदा का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इसमें विशाल रेको डिक तांबा-सोना भंडार भी शामिल है, जो दुनिया के सबसे बड़े अप्रयुक्त भंडारों में से एक है, जहां अनुमानत: 5.9 अरब टन अयस्क है और जिसमें 4.15 करोड़ औंस सोना और 3.5 करोड़ टन तांबा है। शर्मा ने यह भी कहा कि ग्वादर बंदरगाह और 770 किलोमीटर लंबी मकरान तटरेखा सीपीईसी के तहत अपार भू-रणनीतिक और आर्थिक क्षमता प्रदान करती है, लेकिन स्थानीय समुदाय बड़े पैमाने पर वंचित हैं, जिन्हें स्वच्छ पेयजल, बिजली और बुनियादी ढांचा तक उपलब्ध नहीं है।
बांग्लादेश पर भारत का व्यापारिक प्रतिबंध
को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस संदर्भ में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दो दिन पहले तक भारत विरोधी बयानों का बखान कर रही थी, अब भारत के सामने झुकने को मजबूर हो गई है। भारत सरकार द्वारा रणनीतिक रूप से कूटनीतिक युद्ध की घोषणा करने और बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के बाद अब ढाका ने नई दिल्ली को एक पत्र भेजकर बातचीत की पेशकश की है। उल्लेखनीय है कि विदेश व्यापार निदेशालय (डीएफटी) ने शनिवार को भूमि निकासी स्टेशनों और एकीकृत जांच चौकियों के माध्यम से बांग्लादेश से फलों के रस, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, कपास, सूती धागे के उत्पाद, प्लास्टिक, पीवीसी उत्पाद, पेंट और लकड़ी के फर्नीचर के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। इसी तरह, रेडीमेड वस्त्र, जो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की कुंजी हैं, को भारत में आयात करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि, मुंबई के नोवा शेवा और कोलकाता के समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़ों के आयात पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इस निर्देश के बाद स्वाभाविक रूप से बांग्लादेश परेशान है, क्योंकि बांग्लादेश की 93 प्रतिशत निर्यात जमीन के रास्ते भारत आती है। विशेष रूप से बांग्लादेशी व्यापारी ढाका से 333 किमी दूर बेनापोल बंदरगाह के माध्यम से कोलकाता में माल की निर्यात करते हैं। इससे लागत कम हो जाती है। समुद्री शिपमेंट के लिए, माल को चटगांव बंदरगाह से मुंबई के नोवा शेवा बंदरगाह और ढाका के पनगांव या मोंगला बंदरगाह से कोलकाता के हल्दिया बंदरगाह तक भेजा जाता है। हालांकि जलमार्गों का उपयोग करने से व्यापारियों की लागत बढ़ जाती है। शनिवार को भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद बांग्लादेश से आने वाले सभी सामानों पर रोक लगा दी गई है जिससे बांग्लादेश की यूनुस सरकार अब चिंतित है। भारत सरकार द्वारा मालवाहक वाहनों के लिए सीमा द्वार बंद करने के बाद बेनापोल बंदरगाह पर भारत जाने वाले 36 ट्रक फंसे हुए हैं। इन ट्रकों में भारत में निर्यात किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के वस्त्र हैं। इसके अलावा बुढ़ीमारी नामक भूमि बंदरगाह पर भी भारत में खाद्य सामग्री ले जा रहे 17 अन्य ट्रक फंसे हुए हैं। व्यापारियों ने बताया कि ट्रकों में आरएफएल समूह के फल पेय पदार्थ भरे हुए थे। बांग्लादेश ने कहा है कि वह भारत के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। बांग्लादेश सरकार ने दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए भारत को बातचीत का प्रस्ताव दिया है। बांग्लादेशी व्यापारियों ने भारत के फैसले पर चर्चा के लिए मंगलवार को बांग्लादेश के विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद वाणिज्य मंत्रालय के सचिव महबूबर रहमान ने कहा कि ढाका ने वार्ता के लिए भारत को पत्र भेजा है। हम भारत के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे हम सिर्फ भारत के साथ बातचीत करना चाहते हैं। भारत के इस फैसले से हमारे व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है, इस स्थिति को समाप्त करने के लिए हमारे प्रयास जारी हैं।

विदेश सचिव ने सर्वदलीय...
मानो किसी चोर से उसके अपने अपराध की जांच करने को कहा गया हो। झा के नेतृत्व वाला प्रतिनिधमंडल जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया की यात्रा करेगा। संयुक्त अरब अमीरात और कुछ अफ्रीकी देशों की यात्रा पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे ने कहा कि वे भारत में आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान के संबंधों को उजागर करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, मिसरी ने सांसदों और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों को बताया कि भारत की कार्रवाई पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई थी, न कि सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिकों के खिलाफ। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक आबादी पर हमला करने के प्रयासों के बाद ही भारत ने जवाबी कार्रवाई की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पहलगाम आतंकवादी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूरÓ के बाद संबंधित चीजों की जानकारी दी। जद(यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और द्रमुक की कनिमोई के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने 'ब्रीफिंगÓ में भाग लिया, जिसमें उन्हें उनके एजेंडे और उसके विस्तृत विवरण के बारे में बताया गया। हालांकि, कनिमोई बैठक में शामिल नहीं हो सकीं। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी भी बैठक में शामिल हुए, जिन्हें अंतिम समय में प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया, क्योंकि उनकी पार्टी ने अपने सांसद यूसुफ पठान को सरकार द्वारा चुने जाने के ''एकतरफाÓÓ फैसले का विरोध किया था। बनर्जी, जद(यू) नेता झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
पंजाब : पाक सीमा पर जनता के लिए...
की कुछ रस्मों में हालांकि कटौती की जाएगी क्योंकि बीएसएफ के जवान पाकिस्तान रेंजर्स से हाथ नहीं मिलाएंगे और झंडा उतारने की रस्म के दौरान द्वार नहीं खोले जाएंगे, जैसा कि पहले होता था। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बीएसएफ के जवान हर दिन रस्मों का पालन कर रहे थे।बीएसएफ ने आठ मई को 'सार्वजनिक सुरक्षाÓ का हवाला देते हुए इन तीन स्थानों पर इस कार्यक्रम के लिए लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। यह निर्णय भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूरÓ के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के एक दिन बाद लिया गया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ एक जवाबी सैन्य अभियान था। पहलगाम में 26 लोग मारे गए थे। हमले के कुछ दिनों बाद बीएसएफ ने घोषणा की थी कि सार्वजनिक समारोह आयोजित किया जाएगा, लेकिन सीमा द्वार खोले बिना और बीएसएफ तथा पाक रेंजर्स के बीच पारंपरिक हाथ मिलाने की रस्म नहीं होगी। पाकिस्तान के वाघा के सामने अटारी (अमृतसर जिले) में, गंदा सिंह वाला के पार फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला और फाजिल्का जिले के सादकी में स्थित संयुक्त चौकियों पर बीएसएफ के जवान झंडा उतारने की रस्म संपन्न करते हैं और पाकिस्तान की तरफ इसी तरह की रस्म पाकिस्तानी रेंजर्स करते हैं।
केंद्र ने खुफिया ब्यूरो के प्रमुख तपन...
और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर भारत के हमले के बाद उभरती सुरक्षा स्थिति के बीच आईबी प्रमुख डेका का कार्यकाल बढ़ाया गया है। हिमाचल प्रदेश संवर्ग के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी डेका (62) को जून 2022 में दो साल के लिए आईबी प्रमुख नियुक्त किया गया था। पिछले साल जून में उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया था। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने खुफिया ब्यूरो के निदेशक के रूप में डेका के कार्यकाल में एक वर्ष के विस्तार को मंजूरी दे दी है जो 30 जून 2025 से लागू होगी। डेका के विस्तारित कार्यकाल के पूरा होने से एक माह पहले जारी किये गये इस आदेश में कहा गया है कि उनका सेवा विस्तार 'अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियमावली, 1958 के नियम 16 (1ए) और एफआर 56 (डी) के प्रावधानों में छूट के तहत किया गया है। ये नियम केंद्र सरकार को 'सार्वजनिक हित में आईबी और 'रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुखों, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव और अन्य की सेवाओं को 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु से आगे बढ़ाने की अनुमति देते हैं। सत्ता के गलियारों और खुफिया बिरादरी में संकट प्रबंधक के रूप में जाने जाने वाले डेका को विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर के साथ-साथ देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में 'अभियानों का विशेषज्ञ माना जाता है। आईबी की बागडोर संभालने से पहले उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक उसके 'ऑपरेशन विंग के प्रमुख के रूप में कार्य किया। डेका 2008 में 26/11 मुंबई हमले के दौरान जवाबी हमलों के प्रभारी भी थे। आतंकवाद और इस्लामी कट्टरपंथ से संबंधित मामलों को संभालने में माहिर डेका ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के खिलाफ भी अभियान का नेतृत्व किया था, जिसका 2000 के दशक में देश भर में कई विध्वंसक गतिविधियों के पीछे हाथ था। जब 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हुई तब उन्हें इस अस्थिर स्थिति को संभालने के लिए अपने गृह राज्य असम में भी तैनात किया गया था। डेका जम्मू-कश्मीर के मामलों में सरकार के लिए सबसे भरोसेमंद व्यक्ति रहे हैं क्योंकि उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से निपटने का व्यापक अनुभव है।
केंद्र ने मणिपुर हिंसा की जांच कर रहे...
(आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी आलोक प्रभाकर की सदस्यता वाले इस आयोग को तीन मई 2023 को मणिपुर में भड़की हिंसा और दंगों के कारणों की जांच करने का काम सौंपा गया था। चार जून 2023 को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि जांच आयोग को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को ''यथाशीघ्र लेकिन अपनी पहली बैठक की तारीख से छह महीने के भीतर सौंपनी होगी। तब से आयोग का कार्यकाल दो बार बढ़ाया जा चुका है। इससे पिछले आदेश में गृह मंत्रालय ने आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 20 मई 2025 तक का समय दिया था। गृह मंत्रालय ने नवीनतम अधिसूचना में कहा कि आयोग अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द केंद्र सरकार को सौंपेगा, लेकिन 20 नवंबर 2025 से पहले।
फैंसी बाजार का होलसेल मार्केट रहे बरकरार
व्यापार की धड़कन रहा है। हम सरकार के साथ हैं, लेकिन हमें यह भरोसा चाहिए कि फैंसी बाजार को पूरी तरह से खाली करके उसके अस्तित्व को नहीं मिटाया जाए। यहां की पहचान, व्यवसाय और लोगों का रोजगार सालों की मेहनत से खड़ा हुआ है। इसे बनाए रखना जरूरी है। वहीं कारोबारी कपिल झा का कहना है कि फैंसी बाजार गल्लापट्टी से लगभग 70 प्रतिशत थोक व्यापार पहले ही अपने चांगसारी में शुरू हो चुका है। सरकार को यह भी सोचना चाहिए कि अगर गुवाहाटी के लोगों को व्यापक पैमाने पर खाद्य सामानों की जरूरत पड़ने वे उत्तर गुवाहाटी या चांगसारी कै से जाएंगे। उन्होंने कहा कि फैंसी बाजार से कौन-सा कारोबार स्थानांतरण किया जाएगा,अभी तक साफ नहीं हुआ है, क्योंकि सिर्फ फैंसी बाजार से पूरे गुवाहाटी में जाम की समस्या नहीं होती है। वहीं इस सिलसिले में मंत्री जयंत मल्लबरुवा ने आज पूर्वांचल प्रहरी से कहा कि उत्तर गुवाहाटी में प्रस्तावित थोक बाजार को लेकर सरकार का दृष्टिकोण अत्यंत सकारात्मक और व्यावसायिक है। योजना के तहत पार्किंग, माल भंडारण, ट्रांसपोर्ट लॉजिस्टिक्स, डिजिटल व्यापार मंच,ट्रक टर्मिनल और स्वच्छ बाजार संरचना जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मंत्री जयंत ने स्पष्ट किया कि उत्तर गुवाहाटी में बनने वाला बाजार किसी भी दृष्टिकोण से कमतर नहीं होगा और इसे एक मॉडल ट्रेड हब के रूप में विकसित किया जाएगा। मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि फैंसी बाजार को स्थानांतरण करने में काफी समय लगेगा।
दुलियाजान के बीएन सिंह पेट्रोल पंप...
कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया और ऑयल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके पहले बीर लाचित सेना ने बी एन सिंह पेट्रोल पंप पर भी धरना प्रदर्शन कर उक्त पेट्रोल पंप को बंद करने की मांग की। जिसके कुछ देर बाद जिला प्रशासन ने बी एन सिंह पेट्रोल पंप को बंद कर दिया । इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए आसू के केंद्रीय समिति के पूर्व महासचिव शंकर ज्योति बरुवा की जल्द से जल्द रिहाई की मांग की और शंकर ज्योति बरुवा के हाथों में प्रशासन की ओर से हथकड़ी लगाए जाने की घटना की भी प्रदर्शनकारियों ने घोर शब्दों में निंदा की। उल्लेखनीय है कि गत शनिवार को दुलियाजान स्थित बीएन सिंह पेट्रोल पंप पर एक मारपीट की घटना के संदर्भ में पुलिस ने अखिल असम छात्र संस्था के पूर्व महासचिव शंकर ज्योति बरुवा को गिरफ्तार कर लिया। शंकर ज्योति बरुवा की गिरफ्तारी और डिब्रूगढ़ अदालत में बरुवा के हाथों में हथकड़ी लगा कर अदालत में इधर उधर घुमाने की घटना को लेकर प्रदर्शनकारियों ने घोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि हाथों में हथकड़ी तो कुख्यात अपराधियों को लगाया जाता है। जबकि शंकरज्योति बरुवा का कोई ऐसा अपराध नहीं था जिसके वजह से उनको हथकड़ी लगाया गया। जो कि सरासर गलत है और कानून की तोहीन है। मालूम हो कि लंबे समय तक चले विरोध प्रदर्शन के अंतर्गत जिला प्रशासन ने विवादास्पद बी एन सिंह तेल डिपो को बंद कर दिया। इसके अलावा, दंडाधिकारी स्तर की जांच कराने की घोषणा करते हुए पूरे मामले के संदर्भ में ऑयल अधिकारी और असम जातीयतावादी युवा-छात्र परिषद की आगामी दिनों में एक बैठक आयोजित करने की भी बात कही गई। इस दौरान असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद ने ऑयल को यह भी चेतावनी दी है कि ऑयल इंडिया लिमिटेड यदि जल्द से जल्द परिषद की मांगों के कार्यान्वयन पर ध्यान नहीं देते हैं, तो असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद ऑयल इंडिया के विभिन्न तेल खनन,विभिन्न काम काज और उत्पादन को बंद करने के लिए बाध्य हो जाएगा।इस दौरान ऑ.जा:यु:छा:प: के केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष शिव कलिता, सहायक सामान्य सचिव क्रमश: सबीर अहमद, सुरजीत मोरान, संयुक्त सचिव अर्जुनमणि भुइंया, संगठनात्मक सचिव राजीव गोगोई, कार्यकारी भवेन सोनवाल सहित भारी तादाद में प्रदर्शकारी उपस्थित थे। इसके अलावा टाई आहोंम छात्र संस्था के पदाधिकारियों ने भी बी एन सिंह पेट्रोल पंप पर उपस्थित हो कर उक्त उल्लेखित मांगो को लेकर प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा और ज्ञापन में यह चेतावनी दी गई है कि अगर ताई आहोंम छात्र संस्था की मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो आगामी 23 मई को दुलियाजान बंद किया जाएगा।