इस माह 18 मई 2025 को ज्योतिषीय दृष्टिकोण अनुसार छाया ग्रह राहु केतु का राशि परिवर्तन होने जा रहा है।  राहु केतु  का यह गोचर लगभग 18 वर्ष के पश्चात होगा इस दौरान राहु देव शनि देव की वायु तत्व राशि कुंभ एवं केतु सूर्य देव की अग्नि तत्व राशि सिंह में प्रवेश करेंगे।  पिछले 18 महीने से राहु देव मीन राशि एवं केतु कन्या राशि में गोचर कर रहे है। ज्योतिर्विद विकाश तिवारी ने बताया राहु केतु मायावी रहस्मयी क्रूर ग्रह है इनका खुद का कोई अस्तित्व नहीं है तभी इन दोनों ग्रहों को ज्योतिष शास्त्र में शनिवत राहु अर्थात शनि के समान एवं कुंजवत केतु अर्थात मंगल के समान बताया गया है। राहु केतु जब भी किसी ग्रह से युति करते हैं तब उस ग्रह की सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव को पूर्ण तरीके से ग्रहण कर लेते है। विशेषत: चंद्रमा और सूर्य को सबसे ज्यादा प्रभावित करते है जब भी चंद्रमा तथा सूर्य से राहु केतु की एवं दृष्टि संबध संयोजन होता है उस योग ग्रहण कहा गया है। गोचर अनुसार राहु केतु सदेव वक्री अर्थात उल्टी चाल से चलते है। राहु केतु सदेव समसप्तक रहकर भी बिल्कुल विपरीत है जहां राहु देव उन्नत तकनीत, माया, छल-प्रपंच, राजनीति, जुए, सट्टे, जासूसी, आतंकवाद, नशीली वस्तुएं एवं दवाओं चिकित्सा के कारक है। वहीं दूसरी ओर केतु जड़ता तथा मुक्त धर्म, अध्यात्म, गुप्त गतिविधियों, एकांत एवं वैराग्य के कारक है।