लोकसभा ने बुधवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के कड़े विरोध के बीच वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित कर दिया। । इस पर करीब 12 घंटे की चर्चा के बाद रात 2 बजे हुई वोटिंग में 520 सांसदों ने हिस्सा लिया। इस दौरान 288 ने पक्ष में जबकि 232 ने विपक्ष में वोट डाले। विपक्ष के सांसदों ने चर्चा के दौरान बिल के खिलाफ 100 से ज्यादा संशोधन प्रस्ताव दिए लेकिन वोटिंग के दौरान विपक्ष के सभी संशोधन गिर गए। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया है। आज (गुरुवार) यह बिल राज्यसभा में ये वक्फ संशोधन बिल पेश होगा। राज्यसभा से पारित होता है तो इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद यह बिल कानून के रूप में देश में वक्फ संपत्तियों पर लागू हो जाएगा।चर्चा के दौरान सरकार ने कहा कि अगर वह वक्फ संशोधन विधेयक नहीं लाती तो संसद भवन समेत कई इमारतें दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास चली जातीं और कांग्रेस के शासनकाल में वक्फ संपत्तियों का सही से प्रबंधन होता तो केवल मुसलमानों की ही नहीं, बल्कि देश की तकदीर भी बदल जाती। राज्यसभा में नंबर गेम की बात करें तो कुल मौजूद सदस्यों की संख्या 236 है। वक्फ संशोधन बिल पास कराने के लिए 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। मनोनीत और निर्दलीय सदस्यों को मिलाकर एनडीए का आंकड़ा 125 पहुंच जाता है। वहीं विपक्षी दलों की बात करें तो वहां उनकी 95 है। वहीं 16 सदस्य ऐसे हैं जिनपर अभी सस्पेंस बना हुआ है।
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित होने पर कहा, '13 घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा के बाद लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पारित हो चुका है. मैं इसका स्वागत करता हूं. यह संविधान की सुरक्षा की जीत है. वक्फ जो मन चाहे अब उस पर दावा नहीं कर पाएगा. सामाजिक न्याय की जीत हुई है. गरीब मुसलमानों, महिलाओं, अनाथ बच्चों आदि को भी वक्फ की संपत्ति से लाभ मिलेगा. यह सुशासन की भी जीत है. अब यह बिल राज्यसभा में जाएगा और जब यह कानून बन जाएगा तो सभी बुराइयां जो वक्फ प्रणाली में थीं वह खत्म हो जाएंगी. यह बिल गरीब मुसलमानों के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा और संवैधानिक व्यवस्था को कायम रखेगा.'