पूर्वांचल प्रहरी कार्यालय संवाददाता गुवाहाटी: असम विधानसभा बजट सत्र के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा विधायक रूपज्योति कुर्मी द्वारा अखिल गोगोई पर हमले की कोशिश के मुद्दे पर सभी विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा करने के साथ ही अलग-अलग तरीके से विरोध किया। वहीं कुर्मी के व्यवहार के मद्देनजर असम विधानसभा के अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने सोमवार को भाजपा विधायक रूपज्योति कुर्मी को पिछले सप्ताह उनके व्यवहार के लिए चेतावनी दी,जब उन्होंने सदन के अंदर विपक्षी विधायकों के साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया और उन्हें शारीरिक रूप से निशाना बनाने की कोशिश की। उल्लेखनीय है कि आज विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा ने अपनी पार्टी के सहयोगी की ओर से माफी मांगी और उनसे भविष्य में अधिक संयमित रहने का आग्रह करते हुए कहा कि इस घटना को इस हद तक नहीं बढ़ना चाहिए था। मालूम हो कि विधानसभा सत्र की शुरुआत उस समय नाटकीय ढंग से हुई, जब कांग्रेस विधायक विरोध में काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चैंबर तक पहुंच को अवरुद्ध करते हुए गलियारे में धरना दिया। विपक्ष के नेता देवब्रत सैकिया और अन्य कांग्रेस विधायकों को मार्शलों द्वारा जबरन हटाया गया ताकि रास्ता साफ हो सके।   इस बीच एआईयूडीएफ के विधायक तीन छोटे बांस की बाड़ (बेड़ा)लेकर विधानसभा में घुस गए और दावा किया कि उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए इसकी जरूरत है। हैरानी की बात यह है कि सुरक्षाकर्मियों ने शुरू में उन्हें बेड़े के साथ अंदर लाने की अनुमति दी, लेकिन बाद में उन्हें सदन के भूतल से जब्त कर लिया। मालूम हो कि जैसे ही सदन दिन की कार्यवाही शुरू करने के लिए इकट्ठा हुआ, विपक्ष के नेता ने इस मुद्दे को उठाया और दैमारी से विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव नोटिस की स्थिति के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि  हमें आवेदन दिए 48 घंटे हो चुके हैं। यह हमारी सुरक्षा से संबंधित है। अगले दिन कुर्मी द्वारा हमारे खिलाफ 10 गुना अधिक हिंसक कार्रवाई की धमकी दी गई। इसी दौरान मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम पर कहा कि विपक्ष जानबूझकर कुर्मी को घेर रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार और भाजपा दोनों ने कुर्मी के व्यवहार की निंदा की और उनसे माफी मांगने को कहा है। उन्होंन कहा कि  अपने बयान में, कुर्मी ने कहा कि विपक्ष द्वारा बार-बार व्यवधान डालने से वे चिढ़ गए हैं। वे एक उत्पीड़ित और शोषित चाय बागान समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें बोलने के लिए कम समय मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले को इस स्तर तक नहीं बढ़ाना चाहिए था और कुर्मी को अगली बार अधिक सावधान और संयमित रहने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हमने एक पार्टी के रूप में इस घटना पर खेद व्यक्त किया है। हममें से कोई भी संसदीय कार्यवाही को कम करने के पक्ष में नहीं है। मैं, सदन के नेता के रूप में, माफी मांगता हूं। अगर मैं उस दिन मौजूद होता, तो यह इस स्तर तक बढ़ जाता। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि कुर्मी को सदन से बाहर निकालने के लिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं अध्यक्ष से अनुरोध करता हूं कि इस मामले को यहीं खत्म कर दें। उन्होंने कहा कि एआईयूडीएफ विधानसभा में बांस की बाड़ लेकर आया है। यह भी एक लाठी है जो नहीं लाना चाहिए। मुख्यमंत्री के बयान पर एआईयूडीएफ सदस्यों ने विरोध किया और कहा कि सीएम विधायकों को पुलिस की धमकियां दे रहे हैं, जो खुद को विधायकों पर हमला करने से बचाने के लिए बाड़ के साथ आए थे। प्रश्नकाल के बाद विस अध्यक्ष दैमारी ने कहा कि मैंने सभी रिकॉर्ड चेक किए, क्योंकि घटना के समय मैं सदन में नहीं था। कुर्मी द्वारा कहे गए सभी असंसदीय शब्दों को हटा दिया गया है। उपसभापति ने उन्हें चेतावनी दी थी और उन्होंने माफी भी मांगी थी। इसलिए विशेषाधिकार प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं थी और मामला उसी दिन खत्म हो जाना चाहिए था।  स्पीकर ने कहा कि मैं रूपज्योति कुर्मी को चेतावनी देता हूं कि वे भविष्य में ऐसा व्यवहार न दोहराएं। आपको (कुर्मी को) व्यक्तिगत हमलों के स्तर तक नहीं जाना चाहिए। आपको सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।  उल्लेखनीय है कि शक्रवार को सदन में चर्चा के दौरान कुर्मी विपक्षी विधायकों से उलझ गए थे। उन्होंने उन पर अपशब्दों का प्रयोग किया, जिसे बाद में कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया।