होली का त्योहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है।  रंगों वाली होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन कई रस्में भी निभाई जाती हैं जिनमें से सबसे प्रचलित और महत्वपूर्ण है, होलिका दहन की आग में गेहूं की बलियों को भूनना। इन गेहूं के भुने हुए दानों को प्रसाद के रूप में खाया जाता है। धार्मिक रूप से तो इन्हें खाना बहुत ही शुभ माना गया है, साथ ही सेहत के लिए भी ये किसी वरदान से कम नहीं।  दिल की सेहत का रखे ध्यान : भुना हुए गेहूं एक तरह का साबुत अनाज होता है इसलिए इसमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में ये हार्ट हेल्थ के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है।  नियमित रूप से इन्हें अपनी डाइट में शामिल करने पर स्ट्रोक्स का खतरा भी कम होता है और ये आपके हार्ट को ओवरऑल हेल्दी रखने में भी काफी मदद करते हैं। पाचन संबंधी परेशानियों में फायदेमंद : अगर आपको पाचन से जुड़ी हुई समस्याएं अक्सर बनी रहती हैं, तो इसमें भी भुना हुआ गेहूं आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है।  वेट मैनेजमेंट में करे मदद : जो लोग अपने बढ़ते वजन को कंट्रोल करना चाहते हैं, उनके लिए भी रोस्टेड गेहूं खाना बहुत फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है इसलिए ये क्रेविंग कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा ये शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को रिमूव करने में भी काफी मदद करता है और साथ ही फैट को स्टोर होने से भी बचाता है। कैंसर से करे बचाव : भुने हुए गेहूं में फाइबर की भरमार होती है इसलिए इन्हें खाने से एक खास तरह के कैंसर से बचाव में मदद मिल सकती है। कई अध्ययनों के मुताबिक कोलन कैंसर, जो कि डाइजेस्टिव सिस्टम का सबसे आम कैंसर है; उसमें यदि अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा को बढ़ा दिया जाए तो काफी फायदा मिल सकता है। रोस्टेड गेहूं इसके लिए सबसे बेस्ट है, क्योंकि इसमें भरपूर फाइबर तो मौजूद होता ही है, साथ ही भुना हुए होने की वजह से ये एब्जॉर्ब भी अच्छी तरह हो जाता है।