होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा रहित रहना शास्त्रोक्त बताया गया है। इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी गुरुवार , दिनांक 13 मार्च 2025 को प्रात: 10.36 बजे से पूर्णिमा प्रारंभ होगी, जो अगले दिन 14 मार्च शुक्रवार को दोपहर के 12.25 बजे तक रहेगी। अत: प्रदोष काल में पूर्णिमा केवल 13 मार्च, गुरुवार को ही रहने से होली पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। ज्योतिर्विद विकाश तिवाड़ी ने बताया शास्त्रानुसार होलिका दहन में भद्रा यदि निशीथ समय अर्थात अर्द्धरात्रि के समय से पहले समाप्त हो जाती है, तो भद्रा समाप्ति पर ही होलिका दहन करना चाहिए । इस वर्ष भद्रा निशीथ (अर्द्धरात्रि) समय 12.36 बजे से पूर्व ही समाप्त हो रही है। अत: दिनांक 13 मार्च, गुरुवार को भद्रा पश्चात रात 11.30 से 12.36 बजे के मध्य होलिका दहन करना शास्त्रोक्त रहेगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इस बार होली पर्व पर त्रिग्रही योग सूर्य बुध शुक्र की युति लक्ष्मी नारायण एवं बुधादित्य योग बनेगा। देव गुरु बृहस्पति द्वारा गजकेसरी योग में होली का पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
गुवाहाटी, मो.-9529781915