पोर्ट लुईस : दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी को आज मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार द ग्रांड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन से सम्मानित किया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के लोगों और सरकार को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। पोर्ट लुईस में एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं इस निर्णय को बहुत ही सम्मान के साथ स्वीकार करता हूं। यह भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान है। मॉरीशस मिनी इंडिया की तरह है। भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा है। मॉरीशस के संकट के समय भारत पहला साथी है। रक्षा क्षेत्र में दोनों देश साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि अब होली की बात आई तो हम गुजिया की मिठास कैसे भुला सकते हैं। एक समय था जब भारत के पश्चिमी हिस्से में मिठाइयों के लिए मॉरीशस से भी चीनी आती थी। शायद यह भी एक वजह रही कि गुजराती में चीनी को मोरिस कहा गया। समय के साथ भारत और मॉरीशस के रिश्तों की यह मिठास और भी बढ़ती जा रही है। पीएम ने कहा कि  मैं जब भी मॉरीशस आता हूं तो ऐसा लगता है कि अपनों की बीच ही तो आता हूं। यहां की मिट्टी में, हवा में, पानी में अपनेपन का एहसास है। गीत गवाई में, ढोलक की थाप में, दाल पूरी में, कुच्चा में और गातो पिमा में भारत की खुशबू है, क्योंकि यहां की मिट्टी में कितने ही भारतीयों का, हमारे पूर्वजों का खून-पसीना मिला हुआ है। पीएम ने कहा कि आपने मुझे सम्मान दिया, इसे मैं विनम्रता से स्वीकारता हूं। यह उन भारतीयों का सम्मान है जिन्होंने पीढ़ी-दर-पीढ़ी इस धरती की सेवा की और मॉरीशस को इस ऊंचाई पर लेकर आए। मैं मॉरीशस के हर नागरिक और यहां की सरकार का इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करता हूं। पीएम ने कहा कि जब मैं आपके बीच आता हूं तो 200 साल पहले की उन बातों में भी खो जाता हूं जिनके बारे में हमने सिर्फ पढ़ा है। वो अनेक हिंदुस्तानी जो गुलामी के कालखंड में यहां झूठ बोलकर लाए गए, जिन्हें दर्द मिला, तकलीफ मिली, धोखा मिला और मुश्किलों के उस दौरे में उनका संबल थे भगवान राम। राम चरित मानस भगवान राम का संघर्ष उनकी विजय उनकी प्रेरणा, उनकी तपस्या... भगवान राम में वो खुद को देखते थे, भगवान राम से उन्हें प्रेरणा मिलती थी। पीएम ने कहा कि प्रभु राम और रामायण के लिए जो आस्था और भावना मैंने सालों पहले अनुभव की थी वही आज भी महसूस करता हूं। भावना का वही ज्वार पिछले साल जनवरी में भी दिखा जब अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ। हमारा 500 साल का इंतजार खत्म हुआ, तो जो उत्साह भारत में था वही उत्साह मॉरीशस में था। आपकी भावनाओं को समझते हुए तब मॉरीशस ने आधे दिन की छुट्टी भी घोषित की थी। मैं जानता हूं कि मॉरीशस के अनेक परिवार अभी महाकुंभ में भी होकर आए हैं। मुझे यह भी पता है कि अनेक परिवार चाहते हुए भी महाकुंभ में नहीं आ पाए। मुझे आपकी भावनाओं का ख्याल है, इसलिए मैं अपने साथ पवित्र संगम का जल लेकर आया हूं। इस पवित्र जल को कल यहां गंगा तालाब को अर्पित किया जाएगा। यह सुखद संयोग है कि आज से 50 साल पहले भी गोमुख से गंगाजल यहां लगा गया था, और उसे गंगा तालाब में अर्पित किया था। अब कुछ ऐसा ही कल फिर से होने जा रहा है। मेरी प्रार्थना है कि गंगा मैय्या के आशीर्वाद से, मॉरीशस समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष सद्भावना का प्रदर्शन करते हुए मंगलवार को मॉरीशस के अपने समकक्ष नवीन रामगुलाम और उनकी पत्नी वीणा रामगुलाम को 'ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडियाÓ (ओसीआई) कार्ड प्रदान किए। इस अवसर पर रामगुलाम ने कहा कि यह मेरे और मेरी पत्नी के लिए सुखद आश्चर्य है। इससे पहले दिन में मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखुल और प्रथम महिला वृंदा गोखुल को ओसीआई कार्ड सौंपे। उन्होंने महाकुंभ से पीतल और तांबे के बर्तन में संगम का पवित्र जल भी राष्ट्रपति गोखुल को उपहार स्वरूप भेंट किया। मोदी ने गोखुल को बिहार का सुपरफूड मखाना भी भेंट किया।  प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति गोखुल की धर्मपत्नी को सादेली शिल्पकला युक्त बक्से में बनारसी रेशमी साड़ी भेंट की।  ओसीआई कार्ड  उनकी राजकीय यात्रा के पहले दिन सौंपे गए, जो मॉरीशस के साथ अपने प्रवासियों और द्विपक्षीय संबंधों के प्रति भारत की कटिबद्धता को रेखांकित करते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मार्च 2024 में हुई मॉरीशस की राजकीय यात्रा के दौरान, भारत ने सातवीं पीढ़ी तक के भारतीय वंशी मॉरीशस नागरिकों को ओसीआई कार्ड के लिए पात्रता प्रदान की थी। यह पहल भारतीय प्रवासियों के साथ घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। मॉरीशस में 22,188 भारतीय नागरिक और 13,198 ओसीआई कार्ड धारक रहते हैं, जो देश में भारतीय समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति को दर्शाता है। ओसीआई कार्ड धारकों को भारत में अनिश्चित काल तक रहने, काम करने और अध्ययन करने का अधिकार मिलता है, साथ ही वीजा-मुक्त यात्रा और अन्य विशेषाधिकार भी मिलते हैं। मॉरीशस ने भी लंबे समय से भारतीय पर्यटकों के प्रति स्वागतपूर्ण रुख अपनाया है। उसने 2004 में एक महीने तक रुकने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा-मुक्त व्यवस्था शुरू की थी। इसके बदले में, मॉरीशस के नागरिक भारत की यात्रा के लिए नि:शुल्क वीजा के लिए अधिकृत हैं, जिससे लोगों के बीच आदान-प्रदान और भी आसान हो जाता है।