नवसारी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार ने महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने के लिए कानूनों में संशोधन किया है। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानून (भारतीय दंड संहिता) का स्थान लेने वाली भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) ने महिला सुरक्षा से संबंधित कानूनी प्रावधानों को मजबूत किया है तथा इससे शिकायत दर्ज कराने में आसानी और न्याय प्रदान करने में तेजी आई है। मोदी ने  अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नवसारी जिले के वांसी बोरसी गांव में एक जनसभा में कहा कि भारत महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब कोई लड़की देर से घर लौटती है, तो उसके माता-पिता सवाल पूछते हैं, लेकिन जब कोई लड़का देर से आता है, तो वे ऐसा नहीं करते...उन्हें ऐसा करना चाहिए। पिछले दशक में, हमने महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए हमने सख्त नियम और कानून बनाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरी सरकार ने बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने के लिए कानून में बदलाव किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने त्वरित अदालतें स्थापित की हैं। मोदी ने कहा कि देश भर में लगभग 800 अदालत स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से अधिकतर अब कार्यरत हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के सम्मान और सुविधा को सर्वोच्च महत्व देती है। उन्होंने कहा कि नयी लागू की गई भारतीय न्याय संहिता ने औपनिवेशिक कानून को खत्म कर दिया है तथा महिला सुरक्षा से संबंधित प्रावधानों को और मजबूत किया है। नए आपराधिक कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए इसमें एक अलग अध्याय जोड़ा गया है। मोदी ने कहा कि पीड़ितों को पहले न्याय में देरी की शिकायत होती थी, लेकिन इस समस्या से निपटने के लिए नए कानून में बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के मामलों में 60 दिन के भीतर आरोप तय करने और 45 दिन के भीतर फैसला सुनाए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कानून में कहीं से भी ई-प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी गई है, जिससे पुलिस के लिए तत्काल कार्रवाई करना आसान हो गया है। मोदी ने कहा कि 'जीरो' प्राथमिकी के प्रावधान के तहत कोई भी महिला अत्याचार का सामना करने पर किसी भी थाने में मामला दर्ज करा सकती है। उन्होंने कहा कि पुलिस अब बलात्कार पीड़िताओं के बयान ऑडियो-वीडियो माध्यम से दर्ज कर सकती है, जिसे कानूनी मान्यता मिल गई है। मोदी ने कहा कि डॉक्टरों के मेडिकल रिपोर्ट भेजने के लिए सात दिन की समयसीमा तय की गई है, जिससे पीड़िताओं को महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी। बीएनएस में नए प्रावधानों के पहले से ही परिणाम दिखने की बात रेखांकित करते हुए मोदी ने याद दिलाया कि सूरत में सामूहिक बलात्कार के एक मामले में घटना के 15 दिन के भीतर आरोप तय कर दिए गए और दोषियों को कुछ ही हफ्तों के भीतर आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। मोदी ने कहा कि महिलाओं का आशीर्वाद उनकी सबसे बड़ी ताकत और सुरक्षा कवच है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति हूं। मेरे बयान से कुछ श्रोताओं को परेशानी हो सकती है। लेकिन मैं दोहराना चाहूंगा कि मैं दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति हूं - पैसों के मामले में नहीं, बल्कि करोड़ों माताओं, बहनों और बेटियों के आशीर्वाद के कारण। ये आशीर्वाद मेरी सबसे बड़ी ताकत, पूंजी और सुरक्षा कवच हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान करना समाज और राष्ट्र के विकास की दिशा में पहला कदम है। मोदी ने कहा कि भारत अब देश की तीव्र प्रगति के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पथ पर चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के सम्मान और सुविधा को सर्वोच्च महत्व देती है। हमने हजारों शौचालय बनवाए और महिलाओं को सम्मान दिया। हमारी सरकार ने 'तीन तलाक' के खिलाफ कड़ा कानून बनाया और लाखों मुस्लिम महिलाओं का जीवन बर्बाद होने से बचाया। मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने महिलाओं के अधिकारों और अवसरों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि (महात्मा) गांधी जी कहा करते थे कि देश की आत्मा गांवों में बसती है।