विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के विदेश मंत्री (सलाहकार) तौहिद हुसैन को सख्त अंदाज में कहा कि बांग्लादेश को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे आतंकी संगठन वहां अपना पैठ जमा सके। मस्कट में आयोजित बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने विपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की हैं, जिसमें शांति और आतंकवाद का मुद्दा प्रमुख रहा है। जयशंकर ने स्पष्ट शब्द में कहा कि बांग्लादेश को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे भारतीय उपमहाद्वीप की स्थिति बिगड़े। बांग्लादेश ने सार्क स्टेंडिंग कमेटी की बैठक बुलाने का अनुरोध किया, जो कई वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। इस कारण इस क्षेत्र की कई परियोजनाएं बंद पड़ी है। यह सबको मालूम है कि सार्क की बैठक नहीं होने के पीछे पाकिस्तान की कड़ी भूमिका है। पाकिस्तान सार्क प्लेटफॉर्म से भारत विरोधी एजेंडा चलाता है, जिसमें कश्मीर का मुद्दा भी शामिल है। पाकिस्तान हर वक्त सार्क के प्लेटफॉर्म को भारत विरोधी एजेंडा में बदलने की कोशिश में लगा रहता है। यही कारण है कि भारत सार्क के मामले में अभी दिलचस्पी नहीं ले रहा है। भारत के बिना सार्क का कोई अस्तित्व ही नहीं है। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद दोनों देशों के संबंध लगातार खराब हो रहे हैं। हसीना के पतन के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खासकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की व्यापक घटनाएं घटी हैं, जिनमें कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी हैं। कट्टरपंथियों ने कई हिंदू मंदिरों को क्षतिग्रस्त किया तथा हिंदुओं की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। अभी भी भारत और बांग्लादेश के संबंध काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं। जयशंकर ने बांग्लादेश को नसीहत देते हुए कहा कि वे पाकिस्तान के साजिश के प्रति सर्तक रहे। अमरीका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश की स्थिति बदल गई है। मोहम्मद यूनुस अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। ऐसी खबर है कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के पीछे अमरीका के डीप स्टेट का हाथ है। बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी सार्वजनिक रूप यह शिकार किया है कि उनको हटाने के लिए अमरीका ने साजिश रची। पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई ने लोगों को भड़काने तथा कट्टरपंथियों को आगे लाने का काम किया। लेकिन ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद स्थिति बदल गई है। इसका कारण यह है कि यूनुस ट्रंप विरोधी माने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमरीका यात्रा के दौरान पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में ट्रंप ने कहा कि अमरीका बांग्लादेश की मुद्दों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर छोड़ रहा हैं। इसका मतलब साफ है कि अमरीका बांग्लादेश के मामले में भारत द्वारा की जा रही पहल का पूरा समर्थन करेगा। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में बैंकॉक में बिमस्टेक की बैठक होने वाली है जिसकी अध्यक्षता बांग्लादेश को करनी है। उस मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच चर्चा हुई। बांग्लादेश हमेशा भारत का मित्र पड़ोसी रहा है। बांग्लादेश को आजाद करवाने में भारत की बड़ी भूमिका रही है। भारतीय फौज ने शांति वाहिनी के रूप में बांग्लादेश में घुसकर स्वतंत्रता सेनानियों की मदद की थी। भारत हमेशा बांग्लादेश का मदद करता रहा है। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था भारत की सहायता पर काफी हद तक निर्भर है। लेकिन बांग्लादेश की वर्तमान कार्यवाहक सरकार पाकिस्तान के षड्यंत्र में शामिल होकर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में लगी है। बांग्लादेश के कट्टरपंथियों को खुली छूट मिली हुई हैं। अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले के प्रति वहां का प्रशासन आंख बंद किए हुए है। जयशंकर ने बांग्लादेश को सही आइना दिखाया है। अगर बांग्लादेश नहीं सुधारा तो उसकी हालत पाकिस्तान जैसी हो जाएगी।
बांग्लादेश को चेतावनी
