महाकुंभ से लाया गया जल (गंगा जल) पवित्र और औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इसे सही तरीके से संग्रहित करने से इसके आध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभ लंबे समय तक बने रहते हैं। शास्त्रों इसके कई अन्य लाभ भी बताए गए हैं। आप चाहते हैं कि आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो, आपके घर में सुख शांति बनी रहे तो आप इस पवित्र जल को घर में रखने के सही नियम जान लें। विधि-विधान के साथ अगर आप प्रयागराज से घर लाए पवित्र जल को रखते हैं तो देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद भी सदा आप पर बना रहता है। 

तांबे या कांच के पात्र में रखें : महाकुंभ से लाए गए जल को तांबे, कांच या चांदी के बर्तन में रखना सबसे अच्छा होता है। प्लास्टिक की बोतलों से बचें क्योंकि यह जल की शुद्धता को प्रभावित कर सकता है। जल को किसी स्वच्छ और अच्छी तरह से बंद किए गए बर्तन में रखें ताकि उसमें धूल, कीटाणु या कोई अन्य अशुद्धता न जा सके।

सूर्य के प्रकाश से बचाएं : गंगाजल को प्रत्यक्ष सूर्य की किरणों से दूर रखें, क्योंकि अत्यधिक तापमान जल के कुछ प्राकृतिक तत्वों को प्रभावित कर सकता है। इसे किसी ठंडी, छायादार और शुद्ध स्थान पर रखें।

नियमित पूजा और ध्यान : अगर आप प्रयागराज महाकुंभ से लाए गए जल को पूजा स्थल पर रखें और नियमित रूप से भगवान का स्मरण करें। इसका उपयोग अभिषेक, आचमन, या किसी धार्मिक कार्य के लिए करें। तो इसे शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि अगर मंदिर में इस जल को किसी चांदी के बर्तन में भरकर रखा जाए तो उस घर में धन की कभी कमी नहीं होती।

कभी भी जल को जमीन पर न रखें : पवित्र गंगाजल को हमेशा ऊंचाई पर रखें, जैसे कि मंदिर के पास या अलमारी में। इसे पैरों के पास या किसी अशुद्ध स्थान पर न रखें। अगर गंगाजल को अन्य जल के साथ मिलाना हो, तो सुनिश्चित करें कि वह भी स्वच्छ और पवित्र हो। अशुद्ध जल के साथ मिलाने से इसका आध्यात्मिक प्रभाव कम हो सकता है।