हिंदू धर्म में शुभ और मांगलिक कार्य शुभ समय में ही किए जाते हैं। विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त  पर विचार किया जाता है। साल के कुछ समय ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के कारण शुभ नहीं माने जाते हैं और उस समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। आमतौर इस समय को मलमास या खरमास कहा जाता है। इस समय ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के कारण शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं। वर्ष 2025 में भी कुछ समय के लिए शादी और अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक लगने वाली है। होली के एक सप्ताह पहले से होलाष्टक शुरू हो जाता है। इस वर्ष 7 मार्च से होलाष्टक शुरू होने वाला है। इस दौरान विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 13 मार्च को होलाष्टक समाप्त होगा। इस दिन होलिका दहन भी होगा। आमतौर पर होली के बाद विवाह और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते लेकिन इस वर्ष 14 मार्च को मलमास  शुरू हो रहा है। मलमास के दौरान भी शुभ कार्य पर रोक रहती है। ऐसे इस वर्ष विवाह समेत मांगलिक कार्य 13 अप्रैल को मलमास खत्म होने के बाद ही शुरू होंगे। ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार इस साल फरवरी से दिसंबर तक कुल 42 विवाह मुहूर्त हैं। फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होता है और पूर्णिमा यानी होलिका दहन तक रहता है। इस समय विवाह, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य करने पर रोक रहती है। इस अवधि में सभी ग्रह उग्र स्थिति में रहते हैं। इसके कारण वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है और इसीलिए शुभ कार्यों पर रोक रहती है।