कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-सानी दो दिवसीय दौरे पर पिछले 17 फरवरी को नई दिल्ली पहुंचे थे। नई दिल्ली में उनका भव्य स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी के लिए पहुंचे थे। राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया गया। दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक भागीदारी के स्तर तक ले जाने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री मोदी तथा अमीर अल-सानी  के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई जिसमें कई समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार अगले पांच वर्षों में दोगुना करने का निर्णय लिया। फिलहाल भारत और कतर के बीच 14 अरब डॉलर का व्यापार होता है जिसे 28 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। दोनों पक्षों ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी एवं ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग लेने का निर्णय लिया। कतर से भारत एलएनजी, एलपीजी तथा ऊर्जा का अन्य जरूरतों का आयात करता है। भारत अपनी जरूरत का लगभग 70 प्रतिशत गैस कतर से आयात करता है। मोदी और अल-सानी के बीच हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा। कतर भारत में स्मार्ट सिटी, फुडपार्क तथा बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में 10 अरब डॉलर का निवेश करेगा। दोनों देशों ने दोहरे कराधान से बचने के लिए हस्ताक्षर किए हैं। पिछले वर्ष से भारत और कतर के बीच आॢथक साझेदारी बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और कतर के संबंध विश्वास और आपसी संबंध पर आधारित हैं। दोनों नेताओं ने अपने संयुक्त बयान में आंतकवाद के सभी प्रारूपों की  निंदा की हैं। यह सबको मालूम है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए साजिश रचता रहता है। पाक की तरफ से आंतकियों की भारतीय सीमा में घुसपैठ कराई जाती है। पाकिस्तान आंतकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बना हुआ है। भारत और कतर के संयुक्त बयान से पड़ोसी देश पाकिस्तान को जरूर मिर्ची लगी है। भारत पिछले कुछ वर्ष से मध्य पूर्व पर अपना ध्यान फोकस कर रहा है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, जॉडन तथा ओमान के साथ भारत के बेहतर रिश्ते हैं। पहले मध्य पूर्व में पाकिस्तान का दबदबा रहता था। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद स्थिति बदल गई है। इसका उदाहरण यह है कि अब तक छह मुस्लिम बहुल राष्ट्रों ने मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है। कतर के साथ भारत के पहले से अच्छे संबंध रहे हैं। कतर में नौ भारतीयों को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी। कूटनीतिक पहल के बाद यह मामला सुलझ गया तथा सभी भारतीय सुकुशल वापस लौट आए। मध्य पूर्व का यह छोटा देश कतर तेल एवं प्राकृृतिक गैस के लिए विख्यात है। इसकी आबादी 30 लाख हैं जिसमें लगभग आठ लाख भारतीयों काम करते हैं। कतर की आमदानी का मुख्य स्त्रोत प्राकृृतिक गैस एवं तेल है। अमरीका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद तेल एवं प्राकृृतिक गैस उत्पादन करने वाले देशों की  चिंता बढ़ गई है क्योंकि ट्रंप ने तेल एवं प्राकृृतिक गैस का अमरीका में उत्पादन बढ़ाने के लिए पहल शुरू की है। इससे अरब के देशों में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। भारत अपनी जरूरत के तीन चौथाई तेल एवं प्राकृृतिक गैस का आयात करता है। कतर के साथ बेहतर संबंध होने से भारत को मुस्लिम जगत में पैठ बनाने में काफी मदद मिलेगी। सऊदी अरब तथा संयुक्त अरब अमीरात में भारत ने निवेश बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। नरेंद्र मोदी सरकार अपने ऊपर लगे मुस्लिम विरोधी हवा को बदलना चाहती है। दुनिया में जिस तरह वर्ल्ड ऑर्डर तेजी बदल रहे है, उसको देखते हुए भारत को भी अपना नजरिया बदलना होगा। भारत अभी ग्लोबल साउथ का नेता बना हुआ है। अफ्रीकी देश में भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे है। कतर के साथ संबंध बेहतर होने से भारत को मध्य पूर्व में कूटनीतिक बढ़त भी मिलेगी।