दिल्ली विधानसभा चुनाव की तिथि नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगा रहे हैं। लोकतंत्र में एक दूसरे के खिलाफ विचार व्यक्त करने का सभी को पूरा अधिकार है। लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान मर्यादा बनाया रखना सबकी जिम्मेवारी है। इस समय खासकर कालकाजी तथा नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र विशेष रूप से चर्चा में है। कालकाजी से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी उम्मीदवार हैं जबकि भाजपा की तरफ रमेश बिधूड़ी उम्मीदवार हैं। इसी तरह नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल उम्मीदवार है वहीं भाजपा की तरफ से प्रवेश वर्मा उनको कड़ी टक्कर दे रहे हैं। उपरोक्त दोनों विधानसभा क्षेत्र में एक दूसरे पर आचार संहिता उल्लंघन का लगातार आरोप लग रहा है। दिल्ली विधानसभा क्षेत्र भाजपा तथा आप दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी (आप) भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा थे। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तथा आप एक दूसरे के खिलाफ मैदाम में उतर चुके हैं। कांग्रेस तथा आप के नेता भी एक दूसरे पर हमला करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। यही कारण है कि इस बार का दिल्ली विधानसभा का चुनाव त्रिकोणीय हो गया है। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा जबकि 8 फरवरी को मतगणना होगी। इस चुनाव में कुल 1.55 करोड़ मतदाता 13,033 मतदान केंद्रों पर अपना मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सभी पार्टियों ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। हरियाणा एवं महाराष्ट्र में मिली जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी काफी जोश में है। भाजपा हर हालत में दिल्ली की सत्ता पर कब्जा करना चाहती है। दूसरी तरफ आप दिल्ली का किला बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। कांग्रेस और आप में समझौता नहीं होने से इसका लाभ भाजपा को निश्चित रूप से मिलेगा। हरियाणा और महाराष्ट्र में हार के बाद इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हुई है। इसका नतीजा यह हुआ है कि इंडिया गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टियां कांग्रेस पर सवाल उठा रही है। हर चुनाव की तरह यहां भी रेवड़ी बांटने की घोषणा विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा हो रही है। मतदताओं को लोक-लुभावन वादों के द्वारा रिझाने का प्रयास हो रहा है। मतदाता सूची को लेकर भी भाजपा और आप के बीच संग्राम छिड़ा हुआ है। चुनाव आयोग के सामने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने की चुनौती है। अंतिम फैसला मतदाताओं को करना है। वर्ष 2015 एवं 2020 में आप को पूर्ण बहुमत मिला था। लेकिन शराब घोटाला एवं मनीलॉन्ड्रिग मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्तमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येन्द्र जैन तथा आप नेता संजय सिंह जेल जा चुके हैं। फिलहाल सभी नेता जमानत पर हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास को लेकर भी भाजपा हमलावर है। कुल मिलाकर दिल्ली विधानसभा का चुनाव देश की राजनीति को प्रभावित करेगा। अगर भाजपा विजय हासिल करती है तो इंडिया गठबंधन के लिए झटका होगा। आप इस चुनाव में जीत दर्ज कर राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा का विकल्प बनने की कोशिश करेगी।