त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में पूर्वोत्तर परिषद की दो दिवसीय बैठक हुई, जिसमें इस क्षेत्र में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। इसका उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इसमें डोनर मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के राज्यपालों तथा मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। बैठक में पिछले दस वर्षों के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा किये गए विकास कार्यों पर फोकस किया गया। शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर में ढांचागत विकास के लिए किये गए कामों से दूरी कम हुई है। साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा उठाये गए कदमों से पूर्वोत्तर और दिल्ली के बीच दिल का जुड़ाव और मजबूत हुआ है। पूर्वोत्तर में आई शांति से विकास की गति तेज हुई है। वर्ष 2014 से 2024 के बीच आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में काफी कमी आई है। वर्ष 2004-2014 के बीच आतंकवाद से संबंधित 11,121 मामले हुए थे, जबकि 2014-2024 के बीच घटकर केवल 3,114 घटनाएं हुईं। आपराधिक घटनाओं में 71 प्रतिशत की गिरावट आई, जो अच्छा संकेत है। पिछले 10 वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न आतंकी संगठनों के 8,900 कैडरों ने आत्मसमर्पण किया। शाह ने कहा कि शांतिपूर्ण वातावरण होने के कारण पूर्वोत्तर में निवेश के लिए अच्छा वातावरण बना है। मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लिए एक्ट-ईस्ट, एक्ट फास्ट तथा एक्ट फर्स्ट की नीति पर चल रही है। पूर्वोत्तर के विकास के लिए मोदी सरकार ने एक ब्लू प्रिंट तैयार किया है, जिस पर काम चल रहा है। बदलते परिवेश के बीच पूर्वोत्तर में सेमीकंडक्टर के तीन यूनिट शुरू करने का काम प्रगति पर है, जिस पर करीब 27,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड और टाटा द्वारा शुरू किये गए इस परियोजना से असम के 20 हजार बेरोजगारों को सीधे तौर पर तथा 60 हजार युवाओं को परोक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने वित्तीय संस्थानों नाबार्ड तथा बैंकों से कहा कि वे पूर्वोत्तर के लिए एक अलग से कार्ययोजना तैयार करें ताकि निवेश के ज्यादा अवसर पैदा हो सके। पूर्वोत्तर क्षेत्र की प्राकृृतिक विविधता को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की काफी संभावनाएं हैं। अगर इस क्षेत्र में प्रगति होती है तो पूर्वोत्तर के राज्यों को काफी लाभ होगा। पूर्वोत्तर परिषद, डोनर तथा राज्य सरकारों को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। केंद्र सरकार पूवोत्तर परिषद को वर्ष 2022-23 से लेकर 2025-26 तक डेढ़ गुणा से ज्यादा धनराशि आवंटित कर रही है। इससे ढांचागत विकास में और प्रगति होगी। पूर्वोत्तर में विकास के लिए शांति का वातावरण होना जरूरी है तथा जबरन धन उगाही पर रोक लगनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा उग्रवादी संगठनों का मुख्य धारा में लौटना अच्छा संकेत है, किंतु ऐसे तत्वों को जबरन उगाही से दूर रखने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।