ब्रसेल्सःभारत के स्टार भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा डायमंड लीग खिताब से एक सेंटीमीटर से चूक गए और शनिवार को सत्र के फाइनल में 87.86 मीटर के थ्रो के साथ लगातार दूसरी बार दूसरे स्थान पर रहे। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता 26 वर्ष के चोपड़ा ने 2022 में ट्रॉफी जीती थी और पिछले साल दूसरे स्थान पर रहे थे। चोपड़ा ने 2022 में खिताब जीता था और इसके बाद लगातार दूसरी बार डायमंड लीग फाइनल उपविजेता रहे। उन्होंने तीसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका, लेकिन विजेता एंडरसन पीटर्स के 87.87 मीटर से एक सेंटीमीटर पीछे रह गए। दो बार के विश्व चैंपियन ग्रेनाडा के पीटर्स ने पहले ही प्रयास में सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका। जर्मनी के जूलियन वेबर 85.97 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे। चोपड़ा का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है जबकि सत्र का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.49 मीटर है। उन्होंने अपने छह प्रयास में भाले को 86.82 मीटर, 83.49 मीटर, 87.86 मीटर, 82.04 मीटर, 83.30 मीटर और 86.46 मीटर की दूरी तक फेंका। शीर्ष तीन में रहे खिलाड़ी सात खिलाड़ियों के फाइनल के दौरान पूरे समय इसी क्रम मे रहे। डायमंड लीग चैंपियन बनने पर पीटर्स को डायमंड लीग ट्रॉफी और 30 हजार डॉलर मिले। फाइनल में दूसरे स्थान पर रहने के लिए चोपड़ा को 12 हजार डॉलर मिले। इसके साथ ही 14 चरण के बाद प्रतिष्ठित डायमंड लीग और अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स सत्र का भी अंत हो गया। हरियाणा के चोपड़ा के प्रदर्शन में पूरे सत्र में निरंतरता दिखी। वह हालांकि इस दौरान सिर्फ एक अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीत सके जो उन्होंने 18 जून को फिनलैंड के तुर्कु में पावो नुर्मी खेलों के रूप में जीता। दोहा और लुसाने में क्रमशः 10 मई और 22 अगस्त को एकदिवसीय डायमंड लीग प्रतियोगिता में दूसरे स्थान के साथ चोपड़ा ने ओवरॉल तालिका में 14 अंक के साथ चौथे स्थान पर रहते हुए डाइमंड लीग फाइनल में जगह बनाई थी। चोपड़ा इस सत्र में अपनी फिटनेस से जूझते रहे और संभावना है कि वह ग्रोइन की चोट के इलाज के लिए डॉक्टर से मिलेंगे। इस चोट ने पूरे सत्र में उन्हें प्रभावित किया है और 90 मीटर का थ्रो करने के उनके प्रयास में बाधा बनी है। शुक्रवार को राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक 3000 मीटर स्टीपलचेज खिलाड़ी अविनाश साबले ने डायमंड लीग फाइनल में पहली बार खेलते हुए आठ मिनट 17.09 सेकेंड के औसत समय के साथ 10 खिलाड़ियों के बीच नौवां स्थान हासिल किया था। वह ओलंपिक खेलों में 11वें स्थान पर रहे थे। पहली बार डायमंड लीग फाइनल में दो भारतीयों ने हिस्सा लिया।