पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता गुवाहाटी : हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में टिकट से वंचित रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नियुक्त करके बाजपेयी भवन ऊपरी असम में पार्टी के गढ़ को बचाने की आखिरी कोशिश कर रहा है। भाजपा के भीतर ऐसी भी अफवाहें हैं कि रामेश्वर तेली के समानांतर जोरहाट लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार गौरव गोगोई से हारने वाले तपन कुमार गोगोई को भी राज्यसभा भेजा जाएगा। इसके जरिए बाजपेयी भवन ऊपरी असम में अहोम लोगों के बीच अपना प्रभाव बढ़ाने की योजना बना रहा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में अपनी पूरी ताकत लगाने के बावजूद भाजपा चाय समुदाय के क्षेत्रों में अपेक्षित प्रतिक्रिया पाने में विफल रही।
भाजपा ने चाय समुदाय के लिए एक के बाद एक योजनाओं की घोषणा की, लेकिन वोटों की गिनती में उसे कोई खास फायदा नहीं हुआ। अब विधानसभा चुनाव सामने हैं। असम में कई ऐसे निर्वाचन क्षेत्र हैं जहां चाय मतदाता लंबे समय से निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। कभी कांग्रेस का सबसे मजबूत वोट बैंक कहे जाने वाले चाय समुदाय ने बाद में भाजपा का साथ दिया। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में इसकी उलट तस्वीर देखने को मिली। इसलिए, बाजपेयी भवन मौजूदा अध्यक्ष भवेश कलिता को हटाना चाहता है और उनकी जगह रामेश्वर तेली को राज्य भाजपा अध्यक्ष बनाना चाहता है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में तेली को अपनी डिब्रूगढ़ सीट सर्वानंद सोनोवाल के लिए छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
भाजपा ने पूर्व सांसद तपन कुमार गोगोई को भी राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। वाजपेयी भवन के एक सूत्र ने कहा कि भाजपा पूर्व सांसद तपन कुमार गोगोई को खाली राज्यसभा सीटों में से एक देकर ऊपरी असम में अपने संगठनात्मक आधार को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि भाजपा हाल ही में अंदरूनी कलह से जूझ रही है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया है तो कई वरिष्ठ नेता निष्क्रिय हो गए हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में लाए गए नेताओं से भी पार्टी को कोई खास फायदा नहीं हुआ। अब इन पूर्व कांग्रेसियों को भाजपा में स्थापित करने का मुद्दा जटिल रूप ले चुका है। सूत्र ने कहा कि डॉ. हिमंत विश्वशर्मा के मंत्रिमंडल में फेरबदल पर भी हालिया लोकसभा चुनाव का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि फेरबदल में चाय और अहोम समुदाय के सबसे मजबूत विधायकों को शामिल किया जाएगा।