नॉर्थ साउंड : ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने टी-20 विश्व कप के प्रारूप पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अजीबोगरीब है कि उनकी टीम का बेहतर रन रेट सुपर 8 चरण में कोई मायने नहीं रखेगा। टी-20 विश्व कप में इस बार 20 टीम भाग ले रही हैं जिन्हें पांच पांच टीम के चार ग्रुप में बांटा गया है। प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाली दो टीम सुपर 8 में जगह बनाएंगी जहां इन टीमों को दो ग्रुप में बांटा जाएगा। इनमें से प्रत्येक ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली दो टीम सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी।

इस बार टी-20 विश्व कप का प्रारूप पिछली बार से भिन्न है। पिछली बार चोटी की टीमों ने सुपर 12 चरण से अपने अभियान की शुरुआत की थी। टीमों को छह-छह के दो ग्रुप में बांटा गया था तथा प्रत्येक ग्रुप से शीर्ष पर रहने वाली दो टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी।  हेजलवुड ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह वास्तव में थोड़ा अजीब है, क्योंकि ऐसा होता नहीं है। मैंने जितने विश्व कप खेले हैं उनमें संभवत: यह पहला टी20 विश्व कप है जिसका प्रारूप इस तरह से तैयार किया गया है।